उत्तर प्रदेशबड़ी खबर

आजमगढ़ कांड: बेटी को बदनाम कर रहे, CM से गुहार लगाऊंगी… श्रेया के माता-पिता का छलका दर्द

आजमगढ़ के चिल्ड्रन स्कूल में 11वीं की छात्रा श्रेया तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने स्कूल के प्रिंसिपल सोनम प्रणव मिश्रा और क्लास टीचर अभिषेक राय को को गिरफ्तार किया था. जमानत पर इन दोनों आरोपियों की रिहाई के बाद परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है. इस मामले में आरोपियों की जमानत ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं मृतक छात्रा का पूरा परिवार पुलिस की कार्यशैली से नाराज हैं और वो अब योगी सरकार से आस लगाए बैठे हैं.

आजमगढ़ जिले के रानी की सराय थाना क्षेत्र की रहने वाली छात्रा श्रेया तिवारी की मौत के मामले में चिल्ड्रन गर्ल्स कॉलेज की प्रिंसिपल सोनम प्रणव मिश्रा और क्लास टीचर अभिषेक राय की रातों रात रिहाई से मृतक छात्रा का पूरा परिवार दुखी है और सदमे से बाहर नहीं आ पा रहा है. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर रातों-रात एसपी अनुराग आर्य के रहते हुए उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने किस आधार पर इस पूरी विवेचना को मऊ जनपद में ट्रांसफर कर दिया.

आरोपियों की रिहाई से माता-पिता दुखी

श्रेया के माता-पिता ने बताया कि इस तरह से न्याय मिलना अपने आप में सवाल खड़े करता है. आखिर रातों-रात जांच कैसे बदल गई. आम आदमी को न्याय मिलना अब मुश्किल हो गया है लिहाजा हम कहीं भी दरवाजा खटखटाएंगे तो हमें हार का ही सामना करना पड़ेगा. मीडिया के सवालों के बीच श्रेया की मां फूट-फूटकर रोने लगी. उनका कहना है कि अब उन्हें केवल योगी सरकार का ही सहारा है. पुलिस ने तो पूरा केस ही खत्म कर दिया है.

11वीं की छात्रा श्रेया तिवारी की हुई थी संदिग्ध मौत

बता दें कि 31 जुलाई को सिधारी थाना क्षेत्र के चिल्ड्रन गर्ल्स कॉलेज में 11वीं की छात्रा श्रेया तिवारी ने तीसरी मंजिल से कूद कर आत्महत्या की थी. इस मामले में पीड़ितों की तहरीर पर चिल्ड्रन गर्ल्स कॉलेज की प्रिंसिपल सोनम मिश्रा और उसके क्लास टीचर पर हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद दोनों आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया था. पुलिस ने पूरे मामले में विवेचना के बाद दोनों आरोपियों पर आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करने की धारा 306 सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.

शिक्षा माफियाओं पर उठे सवाल

इस पूरे मामले में आरोपियों के द्वारा जिला सत्र न्यायालय आजमगढ़ में जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया था. लेकिन इसी बीच इस पूरे मामले की विवेचना को गैर जनपद में ट्रांसफर कर दिया. आरोप लग रहे हैं कि शिक्षा माफियाओं ने अपनी ऊंची पहचान का लाभ उठाते हुए केस को दूसरे जिले में ट्रांसफर किया है ताकि एसपी अनुराग आर्य को इस केस से दूर रखा जाए.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button