
बाबा बरकत गिरी धधकती आग के पांच धुनों के बीच बैठे
टीम एक्शन इंडिया
समालखा ( कुलदीप सिंह )
दिन के समय 45 डिग्री तापमान के दौरान भीषण गर्मी से बचने के लिए जहां लोग एसी कूलर के आगोश में घरों में दुबक जाते हैं, बाजारों में सन्नाटा छा जाता है ऐसे में समालखा के नारायणा रोड पर एक 65 वर्षीय संत बाबा बरकत गिरी महाराज जब सूरज आग बरसाने लगता है सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक पांच जलते धूनों के मध्य बैठकर तपस्या करते हैं और ऐसा वह पिछले 35 दिनों से तपती गर्मी की परवाह किए बिना आग से जलते पांच धुनों के बीच बैठकर तपस्या कर रहे हैं। बाबा बरकत गिरी की यह पांच धुनी तपस्या पिछले महीने 10 मई को शुरू हुई थी जो 19 जून को सम्पूर्ण होगी।
बाबा इंटरनेशनल के नाम से प्रख्यात श्रीमंत रमेश गिरीं महाराज के शिष्य बाबा बरकत गिरी पिछले वर्ष अगस्त माह में गांव वजीरपुर टिटाना में खड़ी तपस्या भी कर चुके हैं।
बाबा बरकत गिरी बताते हैं कि वह मूल रूप से वजीरपुर टिटाना गांव का निवासी है वह खुशहाल गृहस्थ जीवन जी रहे थे कि साल 2001 में उनकी पत्नी का निधन हो गया। पत्नी की मौत के बाद वह टूट गया था जिस कारण उन्होंने संन्यास लेने का मन बनाया और उतर प्रदेश के गंगोह में जा कर बाबा इंटरनेशनल रमेश गिरीं महाराज का सानिध्य प्राप्त किया।
41 दिवसीय पांच धुनी तपस्या पर बैठे बाबा बरकत गिरी महाराज बताते हैं कि तपस्या ऋषि मुनियों का गहना है चाहे सतयुग हो या कलियुग हो ऋषि महात्मा प्रजा की सुख-समृद्धि के लिए इस तरह की तपस्या करते रहे हैं और वह भी जनता की भलाई के लिए यह तपस्या कर रहे हैं।वह रोजाना सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक आग के पांच धुनों के बीच बैठ कर तप करते हैं।