बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बनने के बाद ही भारत के साथ रिश्ते बिगड़ते ही जा रहे
ढाका
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार हटने और मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बनने के बाद ही भारत के साथ रिश्ते बिगड़ते ही जा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह है बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार। साफ दिखाई देता है कि ना केवल बांग्लादेश की सरकार बल्कि कोर्ट भी हिंदुओं के खिलाफ साठगांठ कर रहा है। वहीं भारत की सख्ती पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का दिखावा करता है। अब बांग्लादेश ने एक और ऐसा कदम उठाया है जिससे उसका चीन और पाकिस्तान प्रेम छिपा नहीं रहा। बांग्लादेश ने भारत से अपने दो डिप्लोमैट्स को वापस बुला लिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश ने कोलकाता में उसके उप उच्चायुक्त शिकदार मोहम्मद अशफरुल रहमान और अगरतला में असिस्टेंट हाई कमिश्नर आरिफ मोहम्मद को वापस बुला लिया है। बता दें कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और पुजारियों की गिरफ्तारी के बाद भारत के लोगों में भी आक्रोश देखने को मिल रहा है। हाल ही में त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेश के राजनयिक मिशन में तोड़फोड़ की घटना हुई थी। इसके बाद सरकार ने कुछ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की थी। वहीं सात लोगों को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद बांग्लादेश ने विरोध किया और अगलतला में काउंसलर सर्विस बंद करने का ऐलान कर दिया। अब उसने अपने डिप्लोमैट को भी ढाका वापस बुला लिया है।
कोलकाता में बांग्लादेश के उप उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘‘कोलकाता में हमारे कार्यालय के बाहर जारी विरोध प्रदर्शनों के बाद अशरफुर रहमान को बातचीत के लिए तत्काल बुलाया गया है। इसके अलावा, वह अगले सप्ताह दोनों देशों के बीच होने वाली विदेश सचिव स्तर की वार्ता के दौरान प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। वह इस महीने के मध्य तक वापस आ जाएंगे।’’
बता दें कि पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा दोनों की ही सीमाएं बांग्लादेश के साथ लगी हुई हैं। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बांग्लादेशी सरकार ने कहा है कि उसके दो डिप्लोमैट आगे के निर्देशों तक ढाका में रहकर ही काम करेंगे। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कई नेता भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। हाल ही में पार्टी के नेता रुहुल कबीर रिजवी ने अपनी पत्नी की भारतीय साड़ी को जलाकर विरोध किया था। इसके अलावा उन्होंने भारतीय प्रोडक्ट्स के बायकॉट की भी अपील की थी। त्रिपुरा में स्थानीय लोगों के आक्रोश के चलते कथित तौर पर बांग्लादेशी झंडे का अपमान हुआ था। इसके बाद भारत ने जिम्मेदार लोगों पर कड़ा एक्शन लिया है।
गिरफ्तारी के खिलाफ झारखंड में विभिन्न हिंदू संगठनों ने गुरुवार को भी रैलियां निकालीं और प्रदर्शन किए। रांची में, विभिन्न हिंदू और सामाजिक संगठनों के सदस्य मोराबादी मैदान में बापू वाटिका पर एकत्र हुए, जहां प्रमुख नेताओं ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया। सनातन सरना समाज के राकेश लाल ने कहा कि सर्व सनातन समाज और उससे जुड़े समूह बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के खिलाफ राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।