जनजातीय क्षेत्रों में बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर होगा मजबूत, सौर ऊर्जा को मिलेगा बढ़ावा: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू
शिमला: हिमाचल प्रदेश जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का निपटारा करने को लेकर प्राथमिकता से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठकों के जरिए जनजातीय क्षेत्रों की समस्याएं प्रदेश सरकार के सामने आती हैं. इसलिए इस प्रकार की बैठकों का आयोजन आगे भी किया जाएगा, ताकि जनजातीय क्षेत्र के लोगों की आशाओं एवं आकांक्षाओं के अनुसार योजनाओं का निर्माण किया जा सके. प्रदेश सरकार अगले एकेडमिक सेशन से लाहौल-स्पीति जिले के स्कूलों की विंटर क्लोजिंग पर विचार करेगी.
सौर परियोजनाओं के लिए युवाओं को ग्रांट: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में एजुकेशन, हेल्थ, बिजली और पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं डेवलप की जा रही हैं और इसके लिए पैसों की कमी को बाधा नहीं बनने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार 24 घंटे बिजली की आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा के दोहन को बढ़ावा दे रही है. किन्नौर की हंगरंग घाटी में 2 सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं. प्रदेश सरकार 250 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की सौर परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए हिमाचल के युवाओं को 40 प्रतिशत ग्रांट दे रही है. इस योजना से जनजातीय क्षेत्र के युवाओं को विशेष लाभ मिलेगा, जिसके लिए उन्हें आगे आना चाहिए. हिमाचल सरकार इन सौर ऊर्जा परियोजनाओं से पैदा होने वाली बिजली को आने वाले 25 सालों तक खरीदेगी, ताकि युवाओं के लिए रोजगार के साथ एक स्थिर आय का सोर्स हो.
लाहौल-स्पीति में विंड एनर्जी का यूज: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लाहौल-स्पीति में विंड एनर्जी के दोहन के लिए 84 मेगावाट क्षमता तय की गई है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विंड एनर्जी के साथ यह मामला उठाया गया है. इस बारे में जल्द ही संस्थान की एक टीम को काजा भेजा जाएगा. सीएम ने कहा कि वो खुद भी लगातार जनजातीय क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. वर्तमान कांग्रेस सरकार ने काजा में पहली बार हिमाचल दिवस का राज्य स्तरीय कार्यक्रम मनाया, जो की जनजातीय क्षेत्रों के डेवलपमेंट के लिए प्रदेश सरकार की वचनबद्धता को दिखाता है. उन्होंने कहा कि आज के बदलते दौर में प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों की महिलाओं को विकास के नए अवसर दे रही है. जनजातीय क्षेत्रों में सड़कें बनाने के लिए सुरंगें बनाई जा रही हैं. जनजातीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न विभागों को डीप स्टडी के निर्देश दिए गए, ताकि प्रदेश सरकार सरकारी संस्थानों को और ज्यादा मजबूत कर सके.
जनजातीय क्षेत्रों में टूरिज्म पर जोर: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में टूरिज्म के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जा रहा है, ताकि टूरिस्ट यहां की प्राकृतिक सुंदरता को निहार सके. किन्नौर के कड़छम में बनाई गई आर्टिफिशियल लेक में वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी शुरू करने के लिए ट्रायल करवाया गया है. जल्द ही यहां पर वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी शुरू की जाएंगी, ताकि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर मुहैया करवा सकें. इसके साथ ही किन्नौर जिले में धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तेमसो झील में भी टूरिज्म एक्टिविटी को बढ़ावा दिया जाएगा और लिंक रोड के जरिए एनएच-5 से झील को जोड़ा जाएगा. जिससे टूरिस्ट को इस ओर आकर्षित किया जा सके. इसके साथ ही जनजातीय क्षेत्रों में हेलीपोर्ट भी बनाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को जनजातीय क्षेत्रों के लोगों की सुविधाओं के अनुसार परियोजनाएं बनाकर उन्हें तय समय के अंदर शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं.
मई 2023 को हुआ था नई परिषद का गठन: इस दौरान राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि नई परिषद का गठन मई 2023 में किया गया था, लेकिन प्रदेश में भारी बारिश से आई आपदा के कारण इस बैठक का आयोजन देरी से अब जाकर हुआ है. सीएम ने जनजातीय क्षेत्रों का दौरा कर वहां की समस्याओं और जरूरतों को समझा है. उन्होंने कहा कि जनजातीय सलाहकार परिषद को संवैधानिक दर्जा प्राप्त है और बैठक में इन क्षेत्रों की ज्वलंत मुद्दों को उठाया जाता है. जिस पर प्रदेश सरकार कार्रवाई करती है. उन्होंने कहा कि जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक नीति निर्धारण में महत्वपूर्ण होती हैं.