राष्ट्रीय

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड से पहले शूटर्स ने 5 दिन की थी शूटिंग की प्रैक्टिस, किसी को भनक तक नहीं

 मुंबई

बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले की जांच कर रही मुंबई क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया है कि शूटर्स लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोन बिश्नोई के सीधे संपर्क में थे. क्राइम ब्रांच के मुताबिक, आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि शूटर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई के सीधे संपर्क में थे. हालांकि पूछताछ में हत्या का कारण पता नहीं चला है.

क्राइम ब्रांच को मिला लिंक
मुम्बई क्राइम ब्रांच को NCP नेता बाबा सिद्दीकी हत्या मामले की जांच के दौरान पहली बार लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई का शूटर्स से सीधा लिंक मिल गया है. सामने आया है कि, हत्या करने वाले संदिग्ध तीन शूटर्स ने हत्या से पहले एक इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप (स्नैपचैट) के जरिए जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई से बातचीत की थी. अनमोल बिश्नोई भी एक शूटर और साजिशकर्ता प्रवीण लोनकर के संपर्क में था. अनमोल कनाडा और अमेरिका से आरोपियो के संपर्क में था. आरोपियों के पास से चार मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं.

10 आरोपी अब तक हुए गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच ने बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में अब तक 10 आरोपियो को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो शूटर और हथियार सप्लायर भी शामिल हैं. बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में शूटर शिवकुमार गौतम और कई आरोपी जिसे पुलिस ने आरोपी बताया है वो फरार है. आरोपी स्नैपचैट के ज़रिए एक-दूसरे से संपर्क में थे और मैसेज के माध्यम से निर्देश मिलने के बाद उसे तुरंत डिलीट कर देते थे. ऐसे ही जब गिरफ्तार आरोपियों के स्नैपचैट को बारीकी से खंगाला गया तब पता चला कि शूटर्स और प्रवीण लोनकर सीधे-सीधे अनमोल बिश्नोई के संपर्क में थे.
इस मामले में अब क्राइम ब्रांच जल्द ही MCOCA की संबंधित धाराएं जोड़ने की तैयारी में है. जांच के दौरान क्राइम ब्रांच को कई स्नैपचैट अकाउंट्स की जानकारी मिली जिसका इस्तेमाल कर आरोपी एक-दूसरे के संपर्क में थे.

 पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है। उन्होंने बताया कि 12 अक्टूबर की हत्या की जांच कर रही शहर पुलिस की अपराध शाखा ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि गिरफ्तार हमलावर धर्मराज कश्यप, गुरमेल सिंह और फरार चल रहे शिवकुमार गौतम ने सितंबर में मुंबई के बाहरी इलाके करजत तहसील के अंतर्गत पलासधारी में एक झरने के पास गोलीबारी का अभ्यास किया था।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि शूटर्स ने झरने के पास की इस जगह को इसलिए चुना क्योंकि यह सुनसान इलाका है। यहां पर गोलियों की आवाज दूर-दूर तक किसी को सुनाई नहीं दी और न ही किसी ने उन्हें यहां शूटिंग करते हुए देखा।

5 किलोमीटर अंदर जंगल में जाकर करते थे प्रैक्टिस

जंगल में शूटिंग की प्रैक्टिस के लिए आरोपियों को रोज जाना पड़ता इसलिए उन्होंने सबसे पास के इलाके में रहने को चुना। उन्होंने सितंबर के दूसरे हफ्ते में कर्जत के जंगल में शूटिंग प्रैक्टिस शुरू की। उससे पहले पलसदरी गांव में एक घर किराए पर लिया। यहां से वे रोज जंगल में अंदर पांच किलोमीटर जाते और शूटिंग की प्रैक्टिस करते थे।

ठाणे के गैंग को पहले दिया था हत्या का जिम्मा

पुलिस अधिकारी ने बताया कि नितिन सप्रे और राम कनौजिया ने इस ऑपरेशन को लीड किया। उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सिद्दीकी (66) की हत्या का जिम्मा पहले ठाणे स्थित पांच सदस्यीय सुपारी गिरोह को सौंपा था। अधिकारी के अनुसार, अपराध में प्रयुक्त पिस्तौल कनौजिया और एक अन्य आरोपी भगवत सिंह ओम सिंह राजस्थान से लाए थे।

इसलिए गैंग हटा पीछे

अपराध को अंजाम देने के लिए 50 लाख रुपये की मांग पर असहमति और दिवंगत राजनेता के प्रभाव को देखते हुए यह गिरोह हत्या का ठेका लेने से पीछे हट गया। हालांकि गैंग ने अटैक को अंजाम देने के लिए जरूरत के सारे सामान और मदद देने का ठेका ले लिया।

उदयपुर से यूं लाए पिस्टल

पहली टीम ने जब बाबा सिद्दीकी की हत्या करने से इनकार कर दिया था, तब शुभम लोणकर और उसके भाई प्रवीण ने पहली टीम को बहराइच वाली टीम को सारी व्यवस्था उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी। यही वजह है कि पहली टीम के पांच सदस्य राम कनौजिया, नितिन सप्रे, संभाजी पारधी, चेतन पारधी और प्रदीप ठोंबरे में से राज कनौजिया उदयपुर गया। वहां भगवन सिंह के जरिए पैसे और पिस्टल लेकर मुंबई आया।

फिर हरीश निषाद और शुभम लोणकर ने टारगेट की रेकी करने के लिए आरोपियों को कुर्ला में घर दिलाया। नितिन सप्रे, संभाजी पारधी और राम कनौजिया ने शूटर्स को कर्जत के गांव में प्रैक्टिस करने के लिए किराए पर घर दिलवाया।

कब हुई बाबा सिद्दीकी की हत्या और आरोपियों की गिरफ्तारी

12 अक्टूबर विजयादशमी के दिन बाबा सिद्दीकी की हत्या हुई थी। हत्या के तुरंत बाद पुलिस ने मौके से दो शूटर गुरनैल सिंह और धर्मराज कश्यप को गिरफ्तार किया था। अगले दिन मुख्य साजिशकर्ता शुभम लोणकर के भाई प्रवीण लोणकर और बहराइच से हरीश निषाद को गिरफ्तार किया गया। फिर एक साथ पांच आरोपियों राम कनौजिया, नितिन सप्रे, संभाजी पारधी, चेतन पारधी और प्रदीप ठोंबरे की गिरफ्तारी हुई। इस मामले में दसवीं गिरफ्तारी बेलापुर से भगवत सिंह की हुई है। तीन आरोपी शुभम लोणकर हरियाणा निवासी जीशान अख्तर और शूटर शिवकुमार गौतम फरार हैं।

फेसबुक से रिप्लाई में देरी

मुंबई क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीन फरार आरोपियों को ढूंढने और उनकी लोकेशन को ट्रेस करने में दिक्कतें आ रही हैं। पूरी वारदात के मुख्य साजिशकर्ता शुभम लोणकर ने फेसबुक पर पोस्ट कर जिम्मेदारी ली थी कि यह लॉरेंस बिश्नोई का काम है। उसके कुछ समय बाद उसने फेसबुक से पोस्ट डिलीट भी कर दी थी। संभवतः सिम कार्ड भी निकाल कर फेंक दिया था। मुंबई पुलिस ने उसके एफबी अकाउंट की उस वक्त की लोकेशन जानने के लिए फेसबुक को पत्र लिखा है, लेकिन उसका सर्वर विदेश में होने की वजह से रिप्लाई बहुत देरी से आता है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि रिप्लाई में देरी से आरोपी काफी दूर निकल जाते हैं।

 

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