
जब मैं कप्तान था, तब भी अड़ियल था बेन स्टोक्स: जो रूट का बड़ा खुलासा
नई दिल्ली
लॉर्ड्स टेस्ट में भारत के खिलाफ इंग्लैंड को मिली 22 रनों की जीत में कप्तान बेन स्टोक्स का अहम रोल रहा। स्टोक्स ने चोट की परवाह किए बिना आखिरी दिन लगभग 10-10 ओवर के दो स्पेल डाल इंग्लैंड की जीत में अहम भूमिका निभाई। जबकि पिछले एक साल में वह दो बार हैमस्ट्रिंग इंजरी का शिकार बन चुके हैं। मैनचेस्टर में होने वाले अगले टेस्ट मैच से पहले जब पूर्व कप्तान जो रूट से बेन स्टोक्स के वर्कलोड के बारे में पूछा तो उन्होंने खुलासा किया कि जब वह कप्तान थे तो भी बेन स्टोक्स उनकी नहीं सुना करते थे।
रूट ने कहा, "आप कोशिश कर सकते हैं, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैंने पाँच साल तक कोशिश की। मैंने उन्हें यह बताया, लेकिन वह हमेशा मेरी बात नहीं सुनते। जब मैं कप्तान था, तब भी उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी।" उन्होंने आगे कहा, “अब यह उसका फैसला है। ऐसा कर पाना एक अविश्वसनीय प्रयास था, लेकिन मुझे लगता है कि वह इसी तरह का इंसान है। वह बस एक ऐसा इंसान बनने और चीजों को अंजाम देने के लिए बेताब है। यह हमारे लिए आगे बढ़ने का एक अच्छा संकेत है, सचमुच, क्योंकि वह अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में वापस आ गया है।”
हालांकि बेन स्टोक्स को इस मेहनत का फल इंग्लैंड की जीत और प्लेयर ऑफ द मैच के रूप में मिला। स्टोक्स ने भारत की आखिरी पारी में सर्वाधिक 24 ओवर डाले थे, वहीं अन्य तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर और ब्रयडन क्रॉस 16-16 ओवर से आगे नहीं बढ़े थे। रूट ने कहा, “उनमें वह मानसिकता और खेल जीतने की इच्छा है और हम भाग्यशाली हैं कि वह हमारे लीडर हैं। मुझे बस यह डर था कि कुछ गंभीर चोटों के बाद वह खेल में आगे नहीं बढ़ पाएंगे, लेकिन अब उन्हें अपने शरीर पर पूरा भरोसा है। वह जानते हैं कि वह क्या कर रहे हैं और उन्हें अपनी शारीरिक स्थिति पर अच्छी पकड़ है।”
इंग्लैंड 5 मैच की इस सीरीज में 2-1 से आगे चल रही है। सीरीज का चौथा मैच 23 जुलाई से मैनचेस्टर में खेला जाना है। स्टोक्स की नजरें इस मैच को भी जीतकर सीरीज में अजेय बढ़त बनाने पर होगी। वहीं भारत मैनचेस्टर में जीत दर्ज कर सीरीज में रोमांच का तड़का लगाना चाहेगा।