अन्य राज्यमध्य प्रदेश

Bhopal एम्स के डॉक्टर्स ने बिना दिल खोले कर दिया ऑपरेशन, अब हो रही तारीफ

भोपाल
18 वर्ष की उम्र में एक युवक के जीवन में अंधेरा सा छा गया। जरा से काम करने पर ही उसकी सांस फूल जाती थी, हमेशा थकान महसूस होती थी। उसके जीवन पर खतरा मंडरा रहा था। एक उम्मीद लेकर वह भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स पहुंचा, जांच में पता चला कि उसके हृदय के वॉल्व के बाहरी हिस्से में लीकेज हो रहा था।

जीवन में उजाला बने डॉक्टर

एम्स के डॉक्टर्स उसके जीवन में उम्मीद का उजाला बनकर सामने आए। डॉक्टर्स के अनुसार यह एक दुलर्भ किस्म की बीमारी होती है, जो बहुत कम लोगों में ही होती है। युवक इसी बीमारी से पीड़ित था। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों 18 वर्षीय युवक थकान और सांस फूलने की शिकायत के साथ एम्स भोपाल के कार्डियोलॉजी ओपीडी में पहुंचा था। उसने पहले बाहर कुछ अस्पतालों में परामर्श लिया था, जहां माइट्रल वाल्व में लीकेज पाया गया था और उसे वाल्व बदलने के लिए सर्जरी की सलाह दी गई थी।

उम्मीद लेकर एम्स पहुंचा था युवक

वही युवक जब एम्स पहुंचा तो यहां पर वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. भूषण शाह ने ईकोकार्डियोग्राम (ईसीएचओ) से मरीज की गहन जांच की। जांच में रूमेटिक हृदय रोग, संक्रमण (इंफेक्टिव एंडोकार्डाइटिस), संयोजी ऊतक विकार या वाल्व की जन्मजात असामान्यताओं जैसे कोई लक्षण नहीं पाए गए। इसके बाद, 3D ट्रांसइसोफेगल इकोकार्डियोग्राफी (TEE) के माध्यम से माइट्रल वाल्व की संरचना की मैपिंग की गई और यह पता चला कि लीकेज वाल्व के बाहरी हिस्से से हो रहा था, जो एक दुर्लभ स्थिति है और सामान्यतः इसका इलाज सर्जरी से किया जाता है।

बिना दिल खोले सर्जरी

हालांकि, मरीज की कम उम्र को ध्यान में रखते हुए, डॉ. भूषण शाह ने बिना सर्जरी के लीकेज बंद करने का निर्णय लिया। उन्होंने निटिनॉल डिवाइस का उपयोग कर इस दुर्लभ स्थिति का इलाज किया।

एनेस्थीसिया एक्सपर्ट के साथ मिलकर किया काम

इस न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया के द्वारा डॉ. भूषण शाह और डॉ. आशीष जैन ने एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. हरेश कुमार और उनकी टीम के साथ मिलकर 3D TEE की सहायता से माइट्रल वाल्व परफोरेशन को ट्रांसकैथेटर विधि से सफलतापूर्वक बंद कर दिया। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने बताया कि यह प्रक्रिया हमारे कार्डियक टीम की विशेषज्ञता और समर्पण का प्रमाण है।

भारत में दूसरी बार हुई ऐसी सर्जरी

डॉक्टर अजय सिंह ने बताया कि यह भारत में दूसरी बार है जब ऐसी प्रक्रिया की गई है। यह एम्स भोपाल की जटिल परिस्थितियों के लिए उन्नत उपचार प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। खुली हृदय सर्जरी से बचाकर, हमने इस युवा मरीज के जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार किया है। मरीज को अगले ही दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
slot gacor toto 4d slot toto slot gacor thailand slot777 slot tergacor https://mataerdigital.com/ istanapetir slot gacor cupangjp situs maxwin ayamjp gampang menang slot online slot gacor 777 tikusjp situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot
lemonadestand.online monitordepok.com portal.pramukamaros.or.id elibrary.poltektranssdp-palembang.ac.id cutihos.wikaikon.co.id pmb.umpar.ac.id industri.cvbagus.co.id ppdb.smpn1mantup.sch.id taqwastory.sma1bukitkemuning.sch.id media.iainmadura.ac.id omedia.universitasbumigora.ac.id pik.omedia.universitasbumigora.ac.id https://threadsofhopetextiles.org/bekleng/indexing/ metro.jrs.or.id sim.kotaprabumulih.go.id