
भोपाल सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी सेल आतंकियों से भरी, अब जेल में 12 नई हाई सिक्योरिटी सेल का निर्माण कराया गया
भोपाल
भोपाल सेंट्रल जेल के हाई सिक्योरिटी सेल में खूंखार आतंकियों को संभालने की क्षमता अब पार हो चुकी है। सेंट्रल जेल में 58 खतरनाक आतंकियों के रखे जाने की व्यवस्था है, लेकिन फिलहाल यहां रहने वाले आतंकियों की संख्या 69 हो गई है। इस स्थिति को देखते हुए, जेल प्रशासन ने 12 नई हाई सिक्योरिटी सेल के निर्माण के लिए 1.20 करोड़ रुपये का बजट पारित किया है।
इन संगठनों के आतंकी हैं कैद
सेंट्रल जेल में कैद आतंकी विभिन्न संगठनों से जुड़े हुए हैं, जिनमें स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के 23, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 21, हिज्ब उत तहरीर (HUT) के 17, JMB के 4 और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) के 4 आतंकवादी शामिल हैं।
भोपाल जेल में 69 आतंकी बंद
भोपाल सेंट्रल जेल में इस वक्त 69 बड़े आतंकी बंद हैं, ये अलग-अलग संगठनों के आतंकी हैं, हालांकि भोपाल सेंट्रल जेल में कुल 58 आतंकवादियों को ही रखने की क्षमता है, लेकिन संख्या बढ़ने के बाद सेल बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसके बाद यहां 12 नई हाई सिक्योरिटी का निर्माण जेल विभाग की तरफ से करवाया गया है. वहीं यह सेल तैयार होने के बाद यहां सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी जाएगी.
आम कैदियों से अलग व्यवस्था
जेल में बंद आतंकियों को हर दिन साढ़े तीन घंटे के लिए बाहर निकाला जाता है, जिसमें वे अपने व्यक्तिगत काम जैसे कपड़े सुखाना, धूप लेना और टहलना कर सकते हैं। इनकी निगरानी के लिए प्रत्येक आतंकी पर 2 प्रहरियों की जिम्मेदारी होती है। आतंकियों को सुबह ढाई घंटे और शाम में एक घंटे के लिए बाहर निकाला जाता है, लेकिन उन्हें किसी से बातचीत की अनुमति नहीं होती। सभी आतंकियों को अलग-अलग रखा जाता है। जेल मैन्युअल के अनुसार, केवल चार आतंकियों को ही अपने परिजनों से मिलने की अनुमति है, जबकि बाकी 65 आतंकियों को मिलने और कैंटीन की सुविधाएं मिलती हैं। सभी आतंकियों को जेल की ड्रेस और टोपी पहनने की आवश्यकता होती है और उन्हें जेल के नियमों का पालन करना होता है।
इन संगठनों के आतंकी बंद
स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के 23 आतंकी
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 21 आतंकी
हिज्ब उत तहरीर (हट) के 17 आतंकी
जेएमबी के 4 आतंकी
इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसएस) के 4 आतंकी
ऐसा रहता है रूटीन
भोपाल सेंट्रल जेल में बंद आतंकियों को केवल साढ़े 3 घंटे के लिए ही सेल से बाहर निकाला जाता है, जिसमें वह अपने पर्सनल काम पूरे करते हैं, जिनमें धूप लेना, टहलना, कपड़े सुखाना, इस दौरान भी इन पर कड़ी निगरानी रखी जाती है. सभी पर नजर रखने के लिए 2-2 प्रहरियों को रखा जाता है. सुबह के वक्त ढाई घंटे के लिए यह बाहर निकलते हैं, जबकि शाम के वक्त 1 घंटे के लिए बाहर निकाले जाते हैं, इस दौरान उन्हें किसी से बातचीत करने की इजाजत नहीं होती है.
हर रोज 3.30 घंटे निकाला जाता है बाहर
सेंट्रल जेल में बंद आतंकियों को हर रोज साढ़े तीन घंटे के लिए हाई सिक्योरिटी सेल से बाहर निकाला जाता है। जिससे वह अपने पर्सनल काम जैसे कपड़े सुखाना, धूप लेना, टहलना आदि कर सकें। इन आतंकियों को बाहर निकलने के बाद निगरानी में रखा जाता है।
हर एक आतंकी पर नजरें रखने की जिम्मेदारी 2 प्रहरियों की होती है। आतंकियों को सुबह ढाई घंटा, जबकि शाम में एक घंटा बाहर निकाला जाता है। उन्हें किसी से बातचीत की इजाजत नहीं होती। सभी आतंकियों को बाहर निकालने पर भी अलग-अलग रखा जाता है।
जेल मैन्युअल के हिसाब से मुलाकात की इजाजत
आतंकी कामरान, अबु फैजल, शिबली और कमरुद्दीन को छोड़कर सभी 65 आतंकियों को जेल मैन्युअल के हिसाब से परिजनों से मिलने और कैंटीन सुविधा मिलती है। इनमें शामिल सजायाफ्ता आतंकी जेल ड्रेस में रहते हैं और जेल की टोपी लगाते हुए जेल नियमों का पालन करते हैं।