अन्तर्राष्ट्रीय

भूटान ने दोहराई मांग: भारत-जापान को UNSC में स्थायी सदस्यता मिले

न्यूयॉर्क 
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र में भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार की अपनी मांग को फिर से दोहराया। महासभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री तोबगे ने संयुक्त राष्ट्र को एक ऐसे निकाय के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा, "भूटान एक ऐसे संयुक्त राष्ट्र में विश्वास करता है जो प्रतिनिधित्वपूर्ण, उत्तरदायी और प्रभावी हो। हम ऐसे बहुपक्षवाद की कामना करते हैं जो केवल समाधान ही नहीं, बल्कि परिणाम भी प्रदान करे। यही कारण है कि भूटान संयुक्त राष्ट्र के सुधार का समर्थन करता है, जिसमें स्थायी और अस्थायी, दोनों प्रकार की सदस्यता का विस्तार शामिल है। सुरक्षा परिषद में भारत और जापान जैसे योग्य राष्ट्रों के अलावा अन्य सक्षम और अग्रणी देशों को भी शामिल किया जाना चाहिए, ताकि आज की जटिल वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित किया जा सके।"
यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री तोबगे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया है। इससे पहले भी उन्होंने भारत के मजबूत आर्थिक विकास, कूटनीतिक नेतृत्व और वैश्विक दक्षिण में बढ़ती भूमिका को सुरक्षा परिषद में शामिल होने के लिए मजबूत योग्यता के तौर पर रेखांकित किया था।
भूटान लगातार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों की वकालत करता रहा है और वर्तमान संरचना को प्रतिनिधित्वहीन बताता रहा है। तोबगे ने अपने पिछले बयान को दोहराते हुए कहा है कि सुरक्षा परिषद अपने वर्तमान स्वरूप में "अतीत का अवशेष" है और इसे वर्तमान भू-राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य के अनुरूप बदला जाना चाहिए।
भूटान लंबे समय से यूएनएससी में सुधार की वकालत कर रहा है ताकि इसे ज्यादा प्रभावशाली बनाया जा सके। यूएनएससी में सुधार की मांग दुनिया के अन्य कई देशों ने भी की है। वहीं भूटान ने भारत और जापान को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करने की वकालत कर इस मांग को और बुलंद कर दिया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button