बड़ा ऐक्शन- सूरत इमारत हादसे में मां-बेटे समेत 3 के खिलाफ दर्ज हुई FIR
सूरत
सूरत इमारत हादसे पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और इनमें से एक को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। इस हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 15 लोग घायल हो गए थे। पुलिस के मुताबिक एफआईआर में जिन लोगों के नाम दर्ज हैं उनमें इमारत के मालिक राज काकड़िया, जो इस समय संयुक्त राज्य अमेरिका में हैं, और उनकी मां रामिलाबेन काकड़िया का नाम शामिल है। इसके अलावा इमारत में रह रहे लोगों से किराया लेने वाले अश्विन वेकरिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
इन तीनों के खिलाफ एफआईआर एक जुलाई से लागू नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय सहिंता की कई धाराओं के तहत दर्ज की गई है। एफआईआर के मुताबिक जर्जर हो चुकी 6 मंजिला इमारत में केवल 5 फ्लैटों में लोग रह रहे थे। बाकी फ्लैटों में रह रहे लोग रिस्क के चलते यहां से जा चुके थे। अप्रैल में सूरत नगर निगम ने इमारत को देखते हुए इसे खाली करने के लिए कहा था। इसके अलावा इसमें रह रहे लोगों ने भी वेकरिया से इसे ठीक कराने के लिए कहा था लेकिन उसने कहा कि मालिक अगले साल तक ठीक कराएंगे। इमारत का निर्माण साल 2016-17 में हुआ था। एफआईआर में पीड़ितों की पहचान हीरामन केवट (40), अभिषेक (35), ब्रिजेश गोड़ (50), शिवपूजन केवट (26), अनमोल हरिजन (17), परवेश केवट (21) और लालजी केवट (40) के रूप में की गई है। मृतकों में अधिकतर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कपड़ा मजदूर थे।
बता दें, हादसा सूरत के सचिन जीआईडीसी इलाके में शनिवार को दोपहर दो बजकर 45 मिनट के आसपास हुआ। उस समय कुछ लोग काम पर गए हुए थे जबकि कुछ अपने घर में सो रहे थे। इसी दौरान अचानक इमारत गिरी और चीख पुकार मच गई। सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल की टीमें तुरंत मौके पर पहुंची। कई लोग मलबे में फंसे हुए थे। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करते समय मलबे से कई लोगों की आवाज आ रही थी। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने के बाद जल्द ही एक महिला को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इसके बाद पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन चला और एक-एक कर सात शव बाहर निकाले गए। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी बुला लिया गया था।
पुलिस ने मामले में जानकारी देते हुए बताया, करीब पांच फ्लैटों में लोग रहते थे, जिनमें से ज्यादातर इस इलाके के कारखानों में काम करने वाले लोग थे। जब बचाव कार्य शुरू हुआ, तो हमें फंसे हुए लोगों की चीखें सुनाई दीं। हमने मलबे से एक महिला को निकाला और उसे अस्पताल पहुंचाया।