राजनीतिक

बीजेपी के लिए सूरत से बड़ी खबर सामने आई, यहां से बीजेपी प्रत्याशी मुकेश कुमार दलाल की जीत पक्की मानी जा रही

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आने वाले हैं। लेकिन इससे पहले ही बीजेपी के लिए सूरत से बड़ी खबर सामने आई है। यहां से बीजेपी प्रत्याशी मुकेश कुमार दलाल की जीत पक्की मानी जा रही है। दरअसल कल ही यहां से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भणी का नामांकन रद्द हो गया था। अब आज खबर आ रही है कि बीजेपी उम्मीदवार को छोड़कर अन्य सभी उम्मीदवारों ने भी नाम वापस ले लिए हैं। ऐसे में अब सूरत से मुकेश कुमार दलाल की जीत पक्की मानी जा रही है। जानकारी के मुताबिक सूरत से कुल 24 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था. इनमें से कांग्रेस उम्मीदवार समेत कुल 12 का नामांकन रद्द हो गया। इसके बाद केवल बीजेपी उम्मीदवार को छोड़कर अन्यों ने अपना नाम वापस ले लिया। मुकाबले के लिए चुनावी मैदान में कोई और उम्मीदवार ना होने के चलते मुकेश कुमार दलाल की जीत पक्की मानी जा रही है। गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने मुकेश कुमार दलाल को सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर बधाई भी दी है। उन्होंने कहा, सूरत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला कमल दे दिया है। सूरत लोकसभा सीट से प्रत्याशी मुकेशभाई दलाल को निर्विरोध निर्वाचित होने पर बधाई और शुभकामनाएं।

कौन हैं मुकेश कुमार दलाल?
मोढ़ माणिक समुदाय से आने वाले मुकेश कुमार दलाल सूरत बीजेपी के महासचिव हैं। वह तीन साल से अधिक समय से इस पर हैं।  वह पिछले काफी समय से जनसंघ से जुड़े हुए हैं। वह सीआऱ पाटिल के करीबी भी माने जाते हैं। वह सूरत नगरपालिका में स्टैंडिंग  कमिटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह बीजेपी के शहर कार्यकारिणी सदस्य, 3 बार पार्षद और पांच बार स्थायी समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह भारतीय जनता युवा मोर्चा में प्रदेश स्तर पर भी काम कर चुके हैं।

नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन आठ उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया, जिनमें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्यारेलाल भारती और अधिकतर निर्दलीय शामिल हैं। रविवार को निर्वाचन अधिकारी ने सूरत सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भाणी का नामांकन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में प्रथम दृष्टया विसंगति होने के बाद रद्द कर दिया था। कुम्भाणी का नामांकन रद्द होने के बाद पार्टी के वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने वाले सुरेश पडसाला का नामांकन पत्र भी रद्द कर दिया था।

 

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