अन्य राज्यहरियाणा

हरियाणा किसानों के लिए बड़ी राहत: ट्यूबवेल बिजली बिल का भुगतान स्थगित, जानें क्या है फायदा

हरियाणा 
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों को बड़ी राहत देते हुए ट्यूबवेल कनेक्शनों के बिजली बिलों के भुगतान को दिसंबर तक स्थगित करने की घोषणा की है। विगत जुलाई तक के बकाया बिल अब बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अगले साल जनवरी तक भरे जा सकेंगे। इस राहत से लगभग सात लाख दस हजार किसान लाभान्वित होंगे।

हरियाणा निवास पर विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार, सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी और विधायक रणधीर पनिहार के साथ मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने फसली ऋण की वसूली स्थगित करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में बाढ़ के कारण 50 प्रतिशत से अधिक फसलें नष्ट हुई हैं और उन क्षेत्रों के ऋणी किसानों की फसल खराबी 33 प्रतिशत या उससे अधिक है, वहां की सहकारी समितियों से खरीफ सीजन के चालू फसली ऋण की वसूली स्थगित की जाएगी। ऐसे किसानों को रबी सीजन की फसल के लिए नया फसली ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस निर्णय से लगभग तीन लाख किसान लाभान्वित होंगे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भारी वर्षा और जलभराव से क्षतिग्रस्त मकानों, घरेलू सामान को हुए नुकसान और मृत पशुओं के लिए प्रभावित 2,386 परिवारों के बैंक खातों में कुल चार करोड़ 72 लाख छह हजार रुपये हस्तांतरित किए। कुल 2,371 मकानों को हुए नुकसान के लिए चार करोड़ 67 लाख 75 हजार रुपये की सहायता राशि जारी की गई है। वहीं, 13 पशुओं की मौत पर चार लाख 21 हजार रुपये वितरित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने 15 सितंबर तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला था, जिसमें 6,397 गांवों के पांच लाख 37 हजार किसानों ने 31 लाख एकड़ क्षेत्र का पंजीकरण कराया है। सत्यापन कार्य प्रगति पर है। पानी से फसलें खराब हुए क्षेत्रों में प्रति एकड़ 15 हजार रुपये तक मुआवजा दिया जाएगा।
 
धान किसानों के खातों में 109 करोड़ रुपये पहुंच चुके हैं। प्रदेश में 30 सितंबर तक पांच लाख टन धान की आवक हुई है, जिसमें से 3.58 लाख टन की खरीद पूरी हो चुकी है। 187 टन बाजरा सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा और 4,970 टन व्यापारियों से खरीदा गया है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत 2,775 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।

राज्य की खरीद संस्थाओं द्वारा बाजरा जिस भाव पर खरीदा जा रहा है, शेष की भरपाई सरकार करेगी। यदि किसी किसान का बाजरा खराब होने के कारण व्यापारियों द्वारा कम मूल्य पर खरीदा जाता है, तो सरकार भावांतर दर के तहत भुगतान करेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button