
भाजपा विधायक मिश्रिलाल यादव की सदस्यता बहाल, कोर्ट की सजा पर लगी रोक
दरभंगा
दरभंगा के अलीनगर विधानसभा से भाजपा विधायक मिश्रिलाल यादव की विधानसभा की सदस्यता फिर बहाल कर दी गई है। इस बात की अधिसूचना देर रात विधानसभा की सचिव ख्याति सिंह द्वारा बुधवार देर रात जारी कर दी है। विधायक मिश्रिलाल यादव को दरभंगा के एमपी एमएलए की विशेष न्यायालय ने एक पुराने मारपीट के मामले सुनवाई करते हुए 27 मई को दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद मिश्री लाल को जेल हो गई थी, जिस वजह से 20 जून को भाजपा विधायक मिश्रिलाल यादव की विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। हालांकि इस मामले में विधायक को हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है, जबकि हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए 18 जुलाई को विधानसभा सदस्यता रद्द करने के मामले को निरस्त कर दिया था।
एक पुराने मारपीट के मामले में कोर्ट ने विधायक मिश्रिलाल यादव को 27 मई को दोषी पाते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया था। इसके बाद विधायक द्वारा हाईकोर्ट में अपील किया गया जिसमें सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 23 जून को जमानत देते हुए रिहा कर दिया था।
भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव को 27 मई को दरभंगा व्यवहार न्यायालय के MP MLA कोर्ट के एडीजे 3 सुमन कुमार दिवाकर ने धारा 506 में उमेश मिश्र दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए भाजपा विधायक को 2 साल कैद के साथ 1 लाख रुपया का अर्थदंड की सजा सुनाई थी। इससे पहले इसी धारा में तीन महीने और 500 रुपया अर्थदंड की सजा मिली मिली थी। सजा मिलने के बाद पुलिस अभिरक्षा में अलीनगर भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव को जेल भेज दिया था।
अदालत ने रैयाम थानाकांड सं 04/19 से बने बिचारण वाद सं. 884/23 का बिचारण कर दोनों दोषी अभियुक्त को सजा सुनाई है।पूर दोनो के विरूद्ध समैला निवासी उमेश मिश्र ने 29 जनवरी 19 की आपराधिक घटना को लेकर 30 जनवरी को प्राथमिकी सं. 4/19 दर्ज कराया था। सूचक का आरोप था कि 29 जनवरी 19 को सुबह 6 बजे मॉर्निंग वाक के लिए घर से निकला। जब वह गोसाईं टोल पहूंचा तो पुरब दिशा से आ रहे मिश्री लाल यादव, सुरेश यादव एवं अन्य 20/25 व्यक्ति हरवे हथियार से लैस होकर कदमचौक पर घेर कर गाली गलौज करने लगा। जब उसने इस बात का विरोध किया तो मिश्रीलाल यादव ने सूचक के सिर पर फरसा से प्रहार कर दिया, जिससे उसका सिर कट गया और खून बहने लगा। सुरेश यादव ने रॉड और लाठी से मारकर सूचक के पॉकेट से 2300 रुपये निकाल लिए। जख्मी का इलाज पहले केवटी पीएचसी और तत्पश्चात डीएमसीएच में हुआ।अ नुसंधानक ने 12 अक्टूबर 19 को आरोप पत्र समर्पित किया।कोर्ट ने 17 अप्रैल 20 को संज्ञान लिया।