सीएम गहलोत के नामांकन पत्र को लेकर BJP पहुंची निर्वाचन आयोग
जोधपुर.
भाजपा नेता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बुधवार शाम को निर्वाचन आयोग पहुंचे और गहलोत के सरदारपुरा से भरे नामांकन पत्र में आपराधिक प्रकरणों की जानकारी छिपाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दी। शिकायत पत्र में आरोप लगाया गया कि गहलोत के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े समेत दो आपराधिक केस दर्ज हैं, लेकिन, नामांकन पत्र के साथ पेश शपथ पत्र में इसकी जानकारी छिपाई गई है। भाजपा का आरोप है कि एक केस जमीन घोटाले से संबंधित है, जबकि दूसरा दुष्कर्म और यौन हिंसा से संबधित है। भाजपा ने गहलोत को लोकप्रतिनिधित्व कानून के तहत दोषी मानते हुए चुनाव आयोग से उनका नामांकन पत्र खारिज करने की मांग की है।
भाजपा दल के साथ निर्वाचन आयोग पहुंचे केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि इस संबंध में जयपुर में मुख्य निर्वाचन आयुक्त से शिकायत की। शिकायत में कहा गया है कि अशोक गहलोत ने छह नवंबर को नामांकन फार्म पेश किया था। इसमें सभी लंबित आपराधिक प्रकरणों का विस्तृत ब्योरा देना आवश्यक था। लेकिन, गहलोत ने जानबूझकर अधूरा विवरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने गहलोत अपने खिलाफ दर्ज दो आपराधिक प्रकरणों का विवरण नामांकन पत्र में नहीं दिया, जो अनिवार्य था।
शेखावत ने कहा- गहलोत के खिलाफ जमीन घोटाले से जुड़ा एक मामला 08 सितम्बर 2015 को जयपुर के गांधीनगर थाने में भाारतीय दंड संहिता की धारा 166, 409, 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत एफआईआर दर्ज है। वर्तमान में यह प्रकरण अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के समक्ष विचाराधीन है। इसमें आगामी तारीख 24 नवंबर है। इसी प्रकार एक अन्य प्रकरण रेप और यौन हिंसा जैसी संज्ञेय धाराओं में दर्ज है। इसकी जानकारी नामांकन पत्र के साथ पेश शपथ पत्र में नहीं दी गई, जबकि ये जानकारी देना अनिवार्य था।
जोधपुर के एडवोकेट नाथूसिंह राठौड़ की ओर से पेश शिकायत पत्र में कहा गया कि गहलोत ने इससे पहले भी 2013 और 2018 के चुनाव में मिथ्या शपथ पेश कर तथ्यों को छिपाया गया। इसकी शिकायत करने के बाद भी राज्य चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो आयोग की निष्पक्षता पर प्रश्न चिह्न लगाता है। अशोक गहलोत ने जानबूझकर आपराधिक प्रकरणों की जानकारी छिपाकर उच्चतम न्यायालय के निर्देश का उल्लंघन किया है।