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राजनगर मजदूर की मौत के मामले में ब्लास्टिंग अधिकारी हुए निलंबित

राजनगर/अनूपपुर:

जिले की राजनगर खुली खदान में डीजीएमएस के नियमों को ताक में रखकर विपरीत ब्लास्टिंग अधिकारी और खनन से जुड़ी कंपनी की मनमानी में हुई ठेका मजदूर अजय कोल की मृत्यु के मामले में आखिरकार कॉलरी ने ब्लास्टिंग अधिकारी ए.के. सिंह को बुधवार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया हैं। दूसरी ओर राजनगर थाना ने ब्लास्टिंग अधिकारी को लापरवाह और गैर इरादतन हत्या का आरोपी मानते हुए अपराध दर्ज किया है।

थाने में दर्ज किए मामले में पुलिस ने स्पष्ट किया कि घटना के दिन संबंधित अधिकारी ने मजदूरों से 11:15 बजे बताए स्थल पर बारूद अनलोड कराया और होल में बारूद भरवाने के उपरांत मजदूरों को सेफ जोन में भेज दिया। जबकि ब्लास्टिंग अधिकारी स्वयं अनसेफ जोन में वाहन पर बैठ साथ ही अपने साथ वाहन चालक और पीछे की सीट पर मजदूर अजय कोल को बैठाया और फिर विस्फोट के आदेश दिए।

विस्फोट में एक पत्थर तेजी से उछाल कर वाहन के छत पर गिरा और छत तोड़ते हुए नीचे बैठे अजय कोल के सिर पर जा गिरा, जिसकी चोट से अजय की मृत्यु हो गई। इस घटना में लापरवाही पाते हुए ए.के. सिंह पुत्र राजेन्द्र सिंह निवासी सी/03 खोंगापानी थाना झगराखांड जिला-एमसीबी (छग) के खिलाफ धारा 106 (1) बीएनएस का मामला दर्ज किया है।

राजनगर ओसीएम की घटना के बाद जांच में पहुंची डीजीएमएस की टीम ने कॉलरी प्रबंधकों की लापरवाही का एक और खुलासा किया है, जहां प्रारंभिक जांच में ही ब्लास्टिंग के लिए निर्धारित किए गए समय से पूर्व कोयला खनन में विस्फोट किया गया था। इस पर डीजीएमएस ने कॉलरी मैनेजर दीपक बेंजामिन को नोटिस जारी करते हुए पूछा कि जब कोयला खदान में दोपहर 2 बजे बाद ब्लास्टिंग के प्रावधान है तो दोपहर 12 बजे कोयला खनन में ब्लास्ट कैसे किया गया?

वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इसरार मंसूरी ने बताया कि 19 अक्टूबर को थाना रामनगर अंतर्गत राजनगर खुली खदान में विस्फोट के दौरान युवक की मृत्यु मामले में ब्लास्टिंग अधिकारी के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध किया गया है

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