बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला- हिंदुत्व की आड़ में मुस्लिमों का हो रहा उत्पीड़न
मुरादाबाद
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को भाजपा पर बड़ा हमला बोला। मायावती ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से हिंदुत्व की आड़ में मुस्लिमों का उत्पीड़न कर देश को धर्म व जाति के नाम पर बांटा जा रहा है। मुरादाबाद के लाइनपार स्थित खचाखच भरे रामलीला मैदान में मायावती ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा की ग़लत नीतियों की वज़ह से देश में बेरोज़गारी की भयावहता किसी से छिपी नहीं है इसलिए पढ़े लिखे बेरोजगार युवा हताश-निराश हैं, आंदोलित किसान सड़कों पर उतरने को मज़बूर हैं। आज मध्य वर्ग परेशान है। दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अन्य वर्गों को पिछले कुछ वर्षों से सरकारी नौकरियों में अधूरा पड़ा आरक्षण का कोटा पूरा नहीं हुआ है। देश की जनता का वश्विास इन सभी पार्टियों और गठबंधनों से उठ चुका है।
उन्होंने कहा कि बसपा अकेले चुनाव लड़ रही है, केंद्र में पार्टी की सरकार बनने पर उत्तर प्रदेश की तरह ठोस काम करके दिखाएंगे। सत्ता के लालच में जुड़े गठबंधन कभी भी जनता की भलाई के काम नहीं कर सकते, इसलिए लोकसभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस समेत सभी उनके सहयोगी गठबंधनों को सत्ता में आने से रोकना है। ख़ासतौर से भाजपा सरकार को सत्ता से हटाने का समय आ गया है।
मायावती ने कहा कि बसपा सर्वसमाज के अधिकारों की रक्षा करने के लिए अकेले चुनाव मैदान में डटी हुई है। जनता कांग्रेस और भाजपा की ग़लत नीतियों से आजिज आ चुकी है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पूंजीपतियों और धन्नासेठों की पार्टी है, जो कांग्रेस की तर्ज़ पर पूंजीपतियों को संरक्षण देने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सर्फि़ जुमले बाजी करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग गांव गांव जाकर मुफ़्त अनाज़ देने की आड़ में गरीबों को गुमराह कर रहे हैं जबकि मुफ़्त अनाज़ आपके और हम सबसे वसूले जाने वाले टैक्स के पैसे से आता है। कांग्रेस और भाजपा पर पूंजीपतियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता को इनकी किसी भी गारंटी के बहकावे में नहीं आना है। भाजपा मीडिया के ओपिनियन पोल व सर्वे के जरिए साम दाम दण्ड भेद अपनाकर किसी भी कीमत पर सत्ता में आना चाहती हैं। इनसे सावधान रहने की जरुरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र में ग़रीब, दलित, आदिवासी, किसान विरोधी यह सरकार पूंजीपतियों और कारपोरेट घरानों के इशारों पर चल रही है। भाजपा का घोषणा पत्र मात्र एक कागज़ी गारंटी से ज़्यादा कुछ नहीं है। कांग्रेस की तरह ही भाजपा ने भी केंद्र की तमाम सरकारी जांच एजेंसियों का राजनीतिकरण कर दिया है।
बसपा सुप्रीमों ने कहा कि आज़ संकीर्ण, सांप्रदायिक, देश विरोधी नीतियों को लागू कर धर्म व जाति के नाम पर देश को बांटा जा रहा है, जो गंभीर चिंता की बात है। देश के जिस हस्सिे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार है वहां की जनता उसकी ग़लत नीतियों की वज़ह से परेशान है।
हाल ही में भाजपा के संकल्प पत्र को जारी करने को लेकर उन्होंने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र जारी करने के बजाय उनकी पार्टी जनता के हित में काम करने में भरोसा करती है। बगैर किसी घोषणा पत्र के उनकी उत्तर प्रदेश में चार बार सरकार बन चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की तरह केंद्र में भी बसपा की सरकार बनने पर लोगों को बेरोज़गारी भत्ता देने की बजाय लोगों को रोज़ी रोटी देने का काम करेगी।वह जाति धर्म में भेदभाव किए बगैर सर्वसमाज के हित में विकास करेगी।
सात साल बाद मुरादाबाद पहुंचने पर मायावती को सुनने के लिए जनसभा स्थल पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। मंच पर पश्चिम उत्तर प्रदेश प्रभारी शमसुद्दीन राइनी, वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक हरपाल सिंह, मंडल कोआर्डिनेटर रणविजय सिंह, मुरादाबाद से प्रत्याशी इरफ़ान सैफी, संभल आदि मौजूद थे।