सेहत और स्वास्थ्य

पकने के बाद भी पत्तागोभी बन सकती है जानलेवा,डॉक्टर ने बताया कैसे बनाएं

मुंबई

पत्तागोभी खाने से आपको मिर्गी या दिमाग की बीमारी हो सकती है। यह सुनी-सुनाई बात नहीं बल्कि हकीकत है। हालांकि पूरा सच यह है कि समस्या पत्तागोभी में नहीं बल्कि इसमें पाए जाने वाले कीड़ों में होती है। यह जानकारी बीएचयू के प्रोफेसर डॉक्टर विजयनाथ मिश्रा ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिये दी। उन्होंने यह भी बताया कि पकाने से ये कीड़े नहीं मरते। यहां जानें आप पत्ता गोभी खाते समय क्या सावधानी बरत सकते हैं।

पकाने से नहीं मरते ये कीड़े
पत्तागोभी के सब्जी भारत के ज्यादातर घरों में बनती है। नूडल्स, फ्राइड राइस, सूप, स्प्रिंगरोल और मोमोज भी इसका इस्तेमाल होता है। अगर आप सोचते हैं कि इस सब्जी को पका लेने से ये कीड़े मर जाते होंगे तो आपको झटका लग सकता है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता। डॉक्टर विजय ने बताया कि पत्तागोभी में निकलने वाले कीड़ों से मिर्गी होती है। बंदगोभी को कितना भी पका लें ये कीड़ा नहीं मरेगा।

ऐसे हटाएं कीड़े
कीड़ों को मारने के लिए गुनगुने पानी में नमक डालकर इसमें कटी हुई बंदगोभी 30 मिनट तक छोड़ दें। सिर्फ बंदगोभी ही नहीं बल्कि जमीन में उगने वाली हर सब्जी जैसे आलू, मूली, गाजरऔर शिमला मिर्च के साथ भी ऐसा करें। ये कीड़े पानी के ऊपर तैरने लगेंगे। इन्हें गिरा दीजिए। इसके बाद सब्जी को अच्छी तरह रगड़कर धोकर खाइए।

पत्तागोभी के फायदे
पत्तागोभी में विटामिन सी, के और कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह हार्ट और पाचन तंत्र के लिए भी अच्छी होती है। इसके अलावा रेडिएशन का असर कम करती और कई तरह के कैंसर से बचाव करती है। इसे डायट में शामिल करने के कई फायदे होते हैं।

स्वास्थ्य के लिए हानिकारक कीड़ा?
विशेषज्ञों का मानना है बंद गोभी की परतों में इसका कीड़ा बहुत गहराई तक छिपा होता है। इस परजीवी के लार्वा और अंडे कठोर खोल वाले होते हैं। यह उन्हें उच्च तापमान से बचाता है. यही कारण है कि टेपवर्म और उसके लार्वा हमारे तेज तापमान पर खाना पकाने के बाद भी जीवित रहते हैं. इतना ही नहीं, यह टेपवर्म खुद को मल्टिप्लाइ भी कर सकते हैं. विशेषज्ञों का मानना है किउसे जितनी बार हम इसे काटेंगे यह उतनीही संख्यामें तादाद बढ़ा सकता है.

कैसे पहुंचाता है इंफेक्शन
टेपवर्म से होने वाला इन्फेक्शन टैनिएसिस (taeniasis) कहलाता है. शरीर में जाने के बाद, ये कीड़ा अंडे देता है. जिससे शरीर के अंदर जख्म बनने लगते हैं. इस कीड़ें की तीन प्रजातियां हैं (1) टीनिया सेगीनाटा, (2) टीनिया सोलिअम और (3) टीनिया एशियाटिका होती हैं. ये लीवर में पहुंचकर सिस्ट बनाता है, जिससे पस पड़ जाता है. ये आंख में भी आ सकता है.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button