हरियाणा

हाईकोर्ट पहुंचा विधायक अभय चौटाला के निष्कासन का मामला

चंडीगढ़/टीम एक्शन इंडिया
हरियाणा बजट सत्र के दौरान इनेलो विधायक अभय चौटाला के निष्कासन का मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। विधायक अभय चौटाला ने अपने दो दिन के निष्कासन के खिलाफ हाईकोर्ट में दस्तक दी है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के साथ हिसार एयरपोर्ट को लेकर हुई तीखी बहस के दौरान स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के साथ कहासुनी होने के बाद उनके खिलाफ प्रिविलेज मोशन की कार्रवाई की गई है। हाईकोर्ट की ओर से इस मामले में सुनवाई के लिए 23 फरवरी की डेट तय की गई है।
क्या था मामला: हरियाणा बजट सत्र 2023-24 की दूसरे दिन शून्यकाल के दौरान अभय सिंह चौटाला और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बीच हिसार एयरपोर्ट की जमीन को लेकर बहस हो गई थी। अभय चौटाला ने आरोप लगाया कि हिसार को इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम देकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने पोस्टर छपवाए और भूमाफिया खड़ा किया। जिन्होंने वहां जमीनों की खरीद-फरोख्त की है।
विवाद कैसे बढ़ा: विधायक अभय चौटाला ने आरोप लगाया कि हिसार एयरपोर्ट के आसपास की जमीनें कंपनियां बनाकर सरकार के लोगों ने कौड़ियों के भाव में खरीद ली हैं। साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि करोड़ों रुपए खर्च करके बनाई गई सड़कें तक बंद कर दी गईं। इसका जवाब देते हुए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने आरोपों को झूठा करार दिया। उन्होंने कहा कि 7200 एकड़ सरकारी भूमि हैं, जो विभिन्न विभागों से ली गई हैं। इसके साथ ही सड़कों के किनारे वन विभाग की भूमि है। अभय चौटाला के सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि उनके पास किसी तरह के कोई सबूत हैं तो वह उसको लेकर आएं उसकी जांच कराई जाएगी। इस पर अभय चौटाला ने दुष्यंत पर पर्सनल आरोप लगाए कि उनकी कंपनी ने जमीन खरीदी है। दुष्यंत ने कहा कि अगर आरोप गलत साबित हुए तो अभय चौटाला के खिलाफ वे प्रिविलेज मोशन लेकर आएंगे। विवाद बढ़ने पर यह कार्रवाई भी कर दी गई।
याचिका में फैसले को बताया असंवैधानिक: याचिका में अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा विधान सभा प्रक्रिया के नियम 104 (क) और (ख) का हवाला देते हुए माननीय उच्च न्यायालय को बताया कि विधान सभा स्पीकर ने गलत/असंवैधानिक एवं नियमों के विरूद्ध जाकर फैसला लिया है। विधान सभा प्रक्रिया की नियमावली 104(क) के तहत विधान सभा स्पीकर सदन चलने के केवल उसी दिन के लिए ही नेम कर सकता है। दूसरा, विधान सभा की नियमावली 104(ख) के तहत किसी भी विधान सभा सदस्य को नेम करने के लिए स्पीकर को सदन में एक प्रस्ताव पारित करवाना पड़ता है लेकिन ऐसा कोई प्रस्ताव परित किए बगैर ही उन्हें विधान सभा से दो दिन के लिए नेम किया गया।
अभय बोले- हाईकोर्ट पर पूरा विश्वास: अभय सिंह चौटाला ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि विधान सभा अध्यक्ष ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए उन्हें 21 और 22 फरवरी के लिए निष्कासित किया है। विधान सभा अध्यक्ष ने विधानसभा की नियमावली को ताक पर रख कर ऐसा असंवैधानिक आदेश पारित किया है इसलिए उन्हे मजबूरन हरियाणा एवं पंजाब हाई कोर्ट का रूख करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उन्हें माननीय हाई कोर्ट पर पूरा विश्वास है कि उन्हें न्याय मिलेगा। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि विधान सभा अध्यक्ष द्वारा उनके विरूद्ध सदन में जिस असंवैधानिक भाषा का इस्तेमाल किया था, उसके लिए माफी मांगनी चाहिए।

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