नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2006-07 में सरकारी प्रतिबंध के बावजूद 60,000 मीट्रिक टन दालों के निर्यात से जुड़े 250 करोड़ रुपये के दाल घोटाले में आरोप पत्र दायर किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस संबंध में पहली बार मामला दर्ज होने के करीब 17 साल बाद आरोप पत्र दायर किया गया है।
इस दौरान एजेंसी की जांच रुकी रही और तीन देशों को अनुरोध पत्र (लेटर रोगेटरी) भेजे गए जिन पर समय से जवाब नहीं मिला। अनुरोध पत्र किसी अदालत द्वारा मामले में जानकारी प्राप्त करने के लिए विदेशी अदालत को किया जाने वाला औपचारिक आग्रह है। इस प्रकार का एक न्यायिक अनुरोध न्यूजीलैंड भेजा गया था जो अब भी लंबित है।
हाल ही में एक विशेष अदालत में दायर आरोप पत्र में, सीबीआई ने जेट किंग कंपनी, उसके मालिक श्याम सुंदर जैन, नरेश कुमार जैन और प्रशांत सेठी का नाम लिया है। आरोप है कि जेट किंग ने कुक आइलैंड्स बैंक द्वारा पूर्व की तारीख में जारी ऋण पत्र में हेरफेर की और संयुक्त अरब अमीरात की कुछ कंपनियों के साथ मिलीभगत कर दाल निर्यात पर सरकार के प्रतिबंध का उल्लंघन किया।
सीबीआई ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के अलावा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं। वर्ष 2007 में, विपक्षी नेताओं ने रेखांकित किया था कि देश में दालों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए तत्कालीन संप्रग सरकार के प्रयासों की अनदेखी करते हुए दालों का निर्यात किया गया।