चारधाम यात्रा : अब धाम तक फर्राटा भरेंगे इलेक्ट्रिक वाहन, विश्व फलक पर दिखेगी पर्यावरण संरक्षण की अलख
देहरादून
श्रीकेदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दिव्य धाम में शीश झुकाकर पूजन करने की कामना हर हिन्दू की होती है। लिहाजा चारधाम यात्रा के दौरान बुजुर्गों को बेहद कठिनाई भी झेलनी पड़ती है, लेकिन इस बार चारधाम यात्रा बेहद सुगम और आसान होगी। भगवन के घर की राह सरल तो होगी। साथ ही इस बार चारधाम यात्रा देश-दुनिया को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के साथ स्वच्छता की भी अलख जगाएगी।
उत्तराखंड राज्य को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए अब चारधाम यात्रा मार्ग पर इलेक्ट्रिक वाहन फर्राटा भरेंगे। आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि इस बार इलेक्ट्रिक वाहन चाहे वह कामर्शियल हों या निजी, उन्हें चारधाम आने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए चारधाम यात्रा मार्ग पर चार्जिंग स्टेशन की व्यवस्था की जा रही है। चार्जिंग स्टेशन की संपूर्ण जानकारी लोग एप के माध्यम से ले सकेंगे। दरअसल, फरवरी 2018 में संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में वाहनों से लगातार बढ़ रहे प्रदूषण पर चिंता जताई गई थी। इसके बाद पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी कड़ी में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है।
उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की तैयारियां युद्ध स्तर पर शुरू हो गई हैं। 10 मई को गंगोत्री-यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा की विधिवत शुरुआत हो जाएगी। चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों को पहले से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। स्वास्थ्य विभाग का देश-दुनिया को सुरक्षित यात्रा कराने का लक्ष्य है। इसके लिए केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर विशेष फोकस है। खासकर बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजाम किए गए हैं।
चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले चालू हो जाएंगे चार्जिंग प्वाइंट-
चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले राज्य सरकार ने यात्रा मार्ग पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर रही है। उत्तराखंड सरकार इन धामों के मार्ग में हर तीस किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना है। चारधाम मार्गों पर इलेक्ट्रिक कार और बसों की बैटरियों की क्षमता तय है। साथ ही तय किलोमीटर की दूरी पूरी करने के बाद उन्हें चार्ज करना होता है।
चार्जिंग प्वाइंट बनने से अब नहीं हिचकिचाएंगे वाहन चालक-
चारधाम रूट की लंबाई लगभग 900 किमी से ज्यादा है। चार्जिंग प्वाइंट न होने के कारण इलेक्ट्रिक वाहन स्वामी और वाहन चालक लंबा सफर करने से हिचकते थे, लेकिन अब चार्जिंग स्टेशन बनने से चारधाम की यात्रा सुगम और सरल होगी।
चारधाम यात्रा पर आने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग की कोई समस्या नहीं रहेगी। इसके लिए यात्रा मार्गों पर 42 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार से स्वीकृत और उत्तराखंड परिवहन निगम से प्राप्त धनराशि से इन स्टेशन की स्थापना के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) को कार्यदायी संस्था बनाया गया है। जीएमवीएन के 24 पर्यटक आवास गृह और परिवहन निगम के चार बस स्टेशन पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके अलावा टिहरी हाइड्रो डेवपलमेंट कारपोरेशन भी जीएमवीएन के 14 पर्यटक आवास गृह में यह स्टेशन स्थापित कर रहा है। इन चार्जिंग स्टेशन में यूनिवर्सल चार्जर होंगे। एक चार्जर 60 किलोवाट का होगा, जिसमें 30-30 किलोवाट की दो गन होंगी।
हर रोज सुबह सात से रात 10 बजे तक चलेगा स्टेट लेवल कंट्रोल रूम-
चारधाम यात्रा के लिए स्टेट लेवल कंट्रोल रूम उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद मुख्यालय चल रहा है, जो पूरे यात्रा काल के दौरान हर रोज सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक संचालित रहेगा।
15 लाख 66 हजार श्रद्धालु कर चुके हैं अब तक रजिस्ट्रेशन-
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 15 अप्रैल से पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई थी। अब तक गंगोत्री के लिए 287358, यमुनोत्री 260597, केदारनाथ 540999, बद्रीनाथ 453213 और हेमकुंड साहिब के लिए 24700 यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। चारधाम और हेमकुंड के लिए कुल 1566867 श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा चुके हैं।