Chhath Puja 2023: छठ पूजन सामग्री की खरीदारी के लिए उमड़ी भीड़, बनाया खरना का प्रसाद
भदोही
उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में सूर्य उपासना व लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ पर भारी उत्साह देखा गया। डाला छठ के दूसरे दिन शनिवार को पूजन सामग्री फल आदि की खरीदारी के लिए जहां बाजार मे भीड़ उमड़ पड़ी, वही घरों मे खरना का प्रसाद बनाया गया। प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही स्नान ध्यान कर महिलाओं ने व्रत का संकल्प लिया। रविवार को व्रती महिलाएं तालाब, सरोवर व गंगा घाट पर अस्ताचल गामी सूर्य को अर्घ्य देगी। महापर्व डाला छठ के मद्देनजर नगर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों मे फल फूल,सूप,दौरी आदि की दुकाने सजाई गई थी। दुकानों पर सुबह से फल आदि की खरीदारी के लिए लोग पहुंचने लगे थे। समय के साथ भीड़ भी बढ़ती गई सायंकाल तक चली खरीदारी के दौरान नगर मे जाम की स्थिति बनी रही। पर्व पर मौसमी के साथ अन्य तमाम तरह की फलों से सजी दुकानों पर लोगो ने सामर्थ्य के अनुसार खरीदारी की।
कैसे रखा जाता है छठ का व्रत
पहला दिन- नहाय खाय -नहाय खाय से छठ पूजा की शुरुआत होती है. इस दिन व्रती नदी में स्नान करते हैं। इसके बाद सिर्फ एक समय का ही खाना खाया जाता है। इस बार नहाय खाय 17 नवंबर 2023 को है। दूसरा दिन- खरना -छठ का दूसरा दिन खरना कहलाता है। इस दिन भोग तैयार किया जाता है. शाम के समय मीठा भात या लौकी की खिचड़ी खाई जाती है। व्रत का तीसरा दिन दूसरे दिन के प्रसाद के ठीक बाद शुरू हो जाता है. इस साल खरना 18 नवंबर को है।
तीसरा दिन- संध्या अर्घ्य -छठ पूजा में तीसरे दिन को सबसे प्रमुख माना जाता है। इस मौके पर शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है और बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है। इसके बाद, व्रती अपने परिवार के साथ मिलकर सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं और इस दिन डूबते सूर्य की आराधना की जाती है। छठ पूजा का पहला अर्घ्य इस साल 19 नवंबर को दिया जाएगा। इस दिन सूर्यास्त का समय शाम 05 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगा।
चौथा दिन- ऊषा अर्घ्य- चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। ये अर्घ्य लगभग 36 घंटे के व्रत के बाद दिया जाता है. 20 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 47 मिनट पर होगा। इसके बाद व्रती के पारण करने के बाद व्रत का समापन होगा।