छत्रपति शिवाजी महाराज का बाघ नख और उनकी तलवार को ब्रिटेन अब भारत को लौटाने वाले हैं। बाघ नख से ही शिवाजी महाराज ने मुगल सरदार अफजाल खान के पेट की चीर डाला था। वहीं उनकी प्रसिद्ध जगदंबा तलवार को भी भारत लाया जाएगा।
महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने दावा किया कि ब्रिटेन इसी साल भारत को ये लौटाने वाला है। मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दो अक्टूबर को लंदन जाने वाले हैं। यहां वे बाघ नख और शिवाजी महाराज की तलवार को भारत लाने के लिए एग्रीमेंट करने वाले हैं।
भारत लाया जाएगा शिवाजी महाराज का खास हथियार
उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे खास हथियार ‘बाघ नख’ को जल्द ही देश वापस लाने की तैयारी शुरू है। बता दें कि वीर शिवाजी महाराज ने करीबन पौने 7 फीट ऊंचे दुश्मन अफजल खान को इसी बाघ नख के जरिए मौत के घाट उतारा था। बीते कई दशकों से ये बाघ नख लंदन के विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम में रखा हुआ है।
यूनाइटेड किंगडम के अधिकारियों ने वो ‘बाघ नख’ लौटाने पर अब सहमति दे दी है। महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की पहल पर शिवाजी काल का यह विशेष हथियार वापस आएगा। इसे वापस लाने के लिए सांस्कृतिक मामलों के मंत्री, विभाग प्रमुख सचिव, निदेशक, पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय के प्रतिनिधिमंडल ने लंदन में विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय और अन्य संग्रहालयों का दौरा किया था और वहां इसको लेकर एक समझौता किया गया था।
Our Glorious Heritage Returns
Get ready to witness history in the making as the legendary 'Wagh Nakh' of Chhatrapati #ShivajiMaharaj, is all set to make its triumphant return to where it truly belongs.#CultureUnitesAll #G20India
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— Ministry of Culture (@MinOfCultureGoI) September 9, 2023
बाघ नख और जगदंबा तलवार पर होगी डील
छत्रपति शिवाजी महाराज के ‘बाघ नख’ को इतिहास का अमूल्य खजाना माना जाता है और इससे राज्य के लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। बाघ के पंजे के डिजाइन में बने इस विशेष हथियार ‘बाघ नख’ को ब्रिटेन से देश वापस लाने की प्रकिया चल रही है। वहीं इसी साल के अंत तक शिवाजी महाराज की प्रसिद्ध तलवार को भी भारत लाया जाएगा। बता दें कि शिवाजी महाराज की इस तलवार का नाम जगदंबा था। शिवाजी महाराज के तलवार का यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि वे मां भवानी और जगदंबा के परम भक्त थे।