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छिंदवाड़ा : जिला पंचायत अध्यक्ष को झटका, जाति प्रमाण पत्र की फिर से होगी जांच, सीएम हाउस पहुंचा मामला

छिंदवाड़ा
 छिंदवाड़ा में कांग्रेस जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार फिर से विवादों में हैं। उनके जाति प्रमाण पत्र की वैधता पर फिर से जांच शुरू हो गई है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा। यह मामला पहले एसडीएम और कलेक्टर के पास गया, लेकिन अब मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है।

इससे प्रशासन में हलचल है। नरेशराम गोहिया और अन्य लोगों ने पहले कलेक्टर से शिकायत की थी। बाद में यह शिकायत सीएम ऑफिस में भी भेजी गई। गृह विभाग ने कलेक्टर को जांच के आदेश दिए हैं। शिकायत में पुन्हार के चुनाव को रद्द करने की मांग की गई है। पुन्हार ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने जांच की पुष्टि की है। इस मामले से जिले की राजनीति में गर्मी आ गई है।
गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप

संजय पुन्हार जो छिंदवाड़ा में कांग्रेस पार्टी से जिला पंचायत के अध्यक्ष हैं एक बार फिर मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं। उनके जाति प्रमाण पत्र को लेकर फिर से जांच शुरू हो गई है। आरोप है कि उन्होंने गलत तरीके से अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाया और उसी के आधार पर जिला पंचायत का चुनाव लड़ा।
ऐसा रहा जांच का घटनाक्रम

पहले मार्च के महीने में इस मामले को लेकर एसडीएम और कलेक्टर से शिकायत की गई थी। लेकिन अब यह मामला एक नया मोड़ ले चुका है।उन पर चुनाव में फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र उपयोग करने का आरोप लगा है। इस मामले में पहली शिकायत 16 अप्रैल को नरेशराम गोहिया और कुछ अन्य लोगों ने छिंदवाड़ा के कलेक्टर से की थी। इसके बाद 7 मई को सीएम ऑफिस में भी शिकायत भेजी गई। इस पर कार्रवाई करते हुए 27 मई को गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन ने छिंदवाड़ा के कलेक्टर को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया।
शिकायतकर्ताओं की मांग

शिकायत में यह मांग की गई है कि संजय पुन्हार ने गलत तरीके से अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करके जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ा है। इसलिए, इस चुनाव को तुरंत रद्द कर दिया जाए। कलेक्टर को इस शिकायत पत्र पर जरूरी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
संजय पुन्हार का कहना

इस पूरे मामले पर संजय पुन्हार ने अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले भी इस मामले में जांच के लिए पत्र लिखा था। लेकिन अब भोपाल से जांच के लिए पत्र लिखकर उन पर मानसिक दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा कि शुक्रवार को होने वाली सामान्य सभा की बैठक से ठीक पहले यह पत्र सामने आना सिर्फ एक संयोग नहीं है, बल्कि यह एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।
डिप्टी कलेक्टर का कहना

उप जिला निर्वाचन अधिकारी और डिप्टी कलेक्टर रमेश कुमार मेहरा ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सीएम ऑफिस में जिला पंचायत अध्यक्ष के जाति प्रमाण पत्र से जुड़ा एक मामला आया है। इसके बाद जांच के आदेश दिए गए हैं और नियमों के अनुसार इसकी जांच की जाएगी।

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