हाईवे किनारे फूड स्टाल लगाकर आत्मनिर्भर बन रही छोटी काशी की बनीता
मंडी। कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता और काम करने की कोई शर्म भी नहीं होती। इसी सोच के साथ छोटी काशी मंडी की 35 वर्षीय बनीता चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर बीते करीब 7-8 महीनों से फूड स्टाल लगाकर अपनी आजीविका कमा रही है। बनीता मंडी जिला में हाईवे किनारे फूड स्टाल लगाकर खाना खिलाने वाली इकलौती महिला हैं। बनीता का फूड स्टाल मंडी शहर के बाईपास पर है, जहां वो दिनभर लोगों को राजमाह-चावल और कढ़ी-चावल, पुदीने की चटनी, सलाद और आचार के साथ खिलाती हैं, जिसका स्वाद घर के खाने जैसा ही होता है। बनीता ने बताया कि उन्हें काम करके आजीविका कमाने का शौक है। आज दिन तक उन्होंने कभी अपने पति से अपनी जरूरतों के लिए पैसे नहीं मांगे। इससे पहले बनीता प्राईवेट जॉब करती थी, जिसे छोड़कर उन्होंने अपना काम शुरू करने की सोची और हाईवे किनारे फूड स्टाल लगाकर लोगों को घर का खाना खिलाना शुरू कर दिया। आज वो रोजाना 1 से 3 हजार की कमाई कर लेती है।
बनीता के खाने के लोग दीवाने
बनीता के पति बंटी पुलिस विभाग में कुक हैं। रोजाना सुबह खाना बनाने में बनीता के पति उसकी मदद करते हैं। बनीता की दो बेटियां हैं जिनकी अच्छी परवरिश के लिए दंपति दिन-रात खूब मेहनत कर रहे हैं। बनीता ने बताया कि फूड स्टाल लगाने का आईडिया उन्हें यू-टयूब पर दूसरे राज्यों की महिलाओं के काम करने से मिला। साथ ही चंडीगढ़ जाकर भी जब उन्होंने देखा कि महिलाएं कैसे आजीविका कमा रही हैं तो उन्हें उससे और ज्यादा प्रेरणा मिली। बनीता के खाने के लोग दीवाने होते जा रहे हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जो यहां के रूटीन के ग्राहक बन गए हैं। वो रोजाना यहां आकर राजमाह-चावल या कढ़ी-चावल तो खाते ही हैं, साथ ही पैक करके भी ले जाते हैं। बनीता जिस तरह से आत्मनिर्भर बनी हैं, वो दूसरी महिलाओं के लिए किसी प्रेरणा स्त्रोत से कम नहीं है। बहुत सी महिलाएं ऐसे कार्यों को इसलिए नहीं कर पाती क्योंकि उनके मन में इसी बात को लेकर शंका रहती है कि वो कर भी पाएंगी या नहीं, लेकिन बनीता करके दिखा दिया है।