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मुख्यमंत्री मान ने आज सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों के साथ हाई लेवल की मीटिंग की, नशा तस्करों को सख्त हिदायत

पंजाब
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों और SSP के साथ हाई लेवल की मीटिंग की। इस दौरान CM Mann ने जिला नई नशा निवारण एवं पुनर्वास नीति पर चर्चा की तथा उन्हें राज्य को नशे की बुराई से मुक्त करने के लिए इस नीति को लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि नशा तस्करों की संपत्तियां जब्त की जाएंगी और जरूरत पड़ी तो उन्हें ध्वस्त करने की कार्रवाई भी जारी रहेगी। राज्य में नशीले पदार्थों पर अंकुश लगाने के लिए CM Mann ने एक कैबिनेट मंत्रियों कि कमेटी गठित की है, जिसमें वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, मंत्री अमन अरोड़ा, डॉ. बलबीर सिंह, मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर और तरप्रीत सिंह सोंध शामिल हैं। CM Mann की हाईलेवल मीटिंग के बाद कमेटी के सदस्यों ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रैंस की।

इस दौरान उन्होंने बताया कि, सभी जिलों के डीसी, पुलिस कमिश्नरों और एसएसपी को सहयोग करने का निर्देश दिया है। पंजाब पुलिस नशीले पदार्थ के हॉटस्पॉट की पहचान करेगी, सप्लाई चेन को तोड़ेगी और  तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। इस मौके पर पंजाब सरकार ने नशा तस्करों को सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि या तो यह काला कारोबार छोड़ दें या फिर पंजाब छोड़ दें, अब उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

इस मौके पर मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार ने ‘नशे के खिलाफ जंग’ छेड़ दी है। पंजाब सरकार ने पंजाब को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य बनाया है। आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल का सपना पंजाब से नशे को पूरी तरह खत्म करना है। लेकिन आज बड़ा सवाल यह है कि गुरुओं और पीरों की धरती पंजाब में यह कुष्ठ रोग कैसे पनपा, इसकी जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि नशे की शुरुआत 2007 में अकाली-भाजपा सरकार सत्ता में आते ही हुई थी। इससे पहले पंजाब में किसी ने भी ड्रग्स का नाम तक नहीं सुना था। नशे की शुरुआत माझा और मालवा से हुई। जब अकाली-भाजपा सरकार सत्ता में आई थी तो इसका खूब प्रचार-प्रसार किया गया था और उस समय के नेताओं ने घर-घर नशा पहुंचाने का काम अपने हाथ में लिया था। कैप्टन की सरकार के दौरान नशे का बढ़ावा मिला।

इस दौरान वित्त मंत्री हरपाल चीम ने जानकारी देते हुए बताया कि 3 सालों में 1128 किलो हेरोइन बरामद की गई है, 6500 से अधिक नशा तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं। इसके अलावा 45 हजार छोटे नशा तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं। मंत्री बताया कि पंजाब में अब तक ड्रग तस्करों की 612 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त की गई हैं और 30 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। यही नहीं भ्रष्टाचार और नशे कारोबार के चलते पंजाब में 100 से अधिक पुलिस कर्मियों पर भी मामले दर्ज किए जा चुके है। पंजाब पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि ड्रग पैडलरों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार नशे खिलाफ एक्शन मोड में है। नशा तस्करों की प्रॉपर्टियां ध्वस्त की गई हैं और आगे भी ये कार्रवाई जारी रहेगी। पहले चेन को तोड़ा जाएगा। 

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