अन्तर्राष्ट्रीय

चीन की सेना ने एलएसी के पास बनाए 10 नए हेलीपैड, भारत के लिए खतरा

बीजिंग
 भारत से लगी सीमा के पास (LAC) के पास चीन अपना सैन्य बुनियादी ढांचा बढ़ाने में जुटी हुई है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब लगभग एक दर्जन हेलीपैड बनाए हैं।रिपोर्ट में बताया है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने कुल दस हेलीपैड स्थापित किए हैं, जो एलएसी के पास महत्वपूर्ण स्थानों पर फैले हुए हैं। लंबाई में 150 मीटर से अधिक ये हेलीपैड पीएलए की तेजी से सैन्य तैनाती क्षमताओं को बढ़ाने के रणनीतिक प्रयास का हिस्सा हैं। इन्हें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रमुख भारतीय स्थानों के विपरीत बनाया गया है, जिसमें दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र भी शामिल है।

क्या है चीन की योजना?

इन हेलीपैड पर Mi-17 जैसे मध्यम लिफ्ट हेलीकॉप्टरों को उतारा जा सकता है। इसका मतलब है ये ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चीन की परिचालन क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए तैयार हैं। देपसांग और गोगरा जैसे महत्वपूर्ण रणनीतिक क्षेत्रों के पास इनकी स्थिति से साफ पता चलता है कि इनका ध्यान तेजी से तैनाती और रसद सहायता में सुधार करने पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएलए अपना ध्यान पेट्रोल पॉइंट 13 के चिप चिप सेक्टर, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा क्षेत्रों की ओर केंद्रित कर रही है।

हेलीपैड का निर्माण तेजी से चल रही चीनी सैन्य तैयारियों के व्यापक पैटर्न का हिस्सा है। सैन्य ढांचे के निर्माण में तेजी भारत और चीन के बीच बढ़ते तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में हुई है। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद सीमा पर गतिरोध बढ़ गया था। इस संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक और कई चीनी सैनिक मारे गए थे। इसके बाद से दोनों पक्षों के बीच सैन्य कमांडर स्तर की कई दौर की वार्ता हुई है, लेकिन अभी भी तनाव बना हुआ है।

चीन का परिवहन हेलीकॉप्टर बेड़ा

चीन के नए सैन्य ढांचे के निर्माण के साथ यह जानना जरूरी है कि इन हेलीपैड पर चीनी सेना कौन से हेलिकॉप्टरों को तैनात कर सकती है। नए बनाए गए हेलीपैड सीधे तौर पर चीनी हेलिकॉप्टर बेड़े की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने से जुड़े हैं। इन हेलीपैड को मध्यम-लिफ्ट हेलिकॉप्टरों के लिए डिजाइन किया गया है, जो चीन की परिवहन और रसद क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है। पीएलए के हेलिकॉप्टर बेड़े में मुख्य रूप से तीन मॉडल Z -8, MI-17 और हाल ही में पेश किया गया Z-20 शामिल है।

रूस में डिजाइल एमआई-17 को चीन ने 1990 के दशक में अपनाया था। यह पीएलए के परिवहन बेड़े की रीढ़ की हड्डी के रूप में काम करता है। चीन के पास वर्तमान में 200 से अधिक एमआई-17 सेवा में हैं। यह 30 से अधिक सैनिकों को ले जा सकता है। एमआई-17 इस्तेमाल भारत भी करता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
slot gacor toto 4d slot toto slot gacor thailand slot777 slot tergacor https://mataerdigital.com/ istanapetir slot gacor cupangjp situs maxwin ayamjp gampang menang slot online slot gacor 777 tikusjp situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot
lemonadestand.online monitordepok.com portal.pramukamaros.or.id elibrary.poltektranssdp-palembang.ac.id cutihos.wikaikon.co.id pmb.umpar.ac.id industri.cvbagus.co.id ppdb.smpn1mantup.sch.id taqwastory.sma1bukitkemuning.sch.id media.iainmadura.ac.id omedia.universitasbumigora.ac.id pik.omedia.universitasbumigora.ac.id https://threadsofhopetextiles.org/bekleng/indexing/ metro.jrs.or.id sim.kotaprabumulih.go.id web.sip.pn-kotaagung.go.id