टॉप टू बॉटम सभी मंत्रियों से बेस्ट रिजल्ट पाने CM का ‘मनमोहक’ कोऑर्डिनेशन
भोपाल
डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री, एक पूर्व भाजपा अध्यक्ष और एक पार्टी के राष्टÑीय महासचिव शामिल किए गए हैं। वहीं ऐसे भी चेहरे हैं जो पांच बार से ज्यादा के विधायक हैं। उनकी यह ‘मनमोहक’ टीम अब प्रदेश के विकास को नया आयाम देने का काम तेजी से करेगी।
अनुभव और ऊर्जा से सजी उनकी मनमोहक कैबिनेट में जहां पिछले बीस साल में रहे मुख्यमंत्रियों के कैबिनेट से तुलना की जाए तो डॉ. यादव का यह कैबिनेट सुपर कॉम्बो दिखाई दे रहा है। जिसमें पार्टी से लेकर जनता तक की लंबे अरसे से कसौटी पर खरे उतरने वाले इतने सीनियर्स को जगह दी है। इसके साथ ही यह भी तय हो गया है कि अब डॉ. यादव अपनी कैबिनेट के सुपर सीनियर और पहली बार के विधायक से मंत्री बने नेता मध्य प्रदेश को विकास की रफ्तार जोश के साथ देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का लंबा समय एबीवीपी से लेकर संगठन के साथ काम करते हुए निकला है। उनके इस अनुभव से वे सामंजस्य बिठाने में सफल होंगे।
कैलाश, राकेश और प्रहलाद बहुत अनुभवी
कैलाश विजयवर्गीय 1990 से 2018 तक लगातार विधायक रहे। इस बार वे सातवीं बार विधानसभा में पहुंचे। इस दौरान वे उमाभारती और शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में शामिल रहे। जनता में उनकी पैठ तो चुनाव के जरिए सभी ने देख ली थी, संगठन उन्हें केंद्र में ले गया और उन्हें राष्टÑीय महामंत्री बनाया गया। वे चार बार से लगातार महामंत्री हैं। संगठन के काम में भी उनका कोई सानी नहीं हैं। जनता और संगठन के साथ काम करने का उनका लंबा और सफल अनुभव है। वहीं राकेश सिंह प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहें, साथ ही वे जबलपुर से सांसद भी रहे। उनका भी जनता और संगठन के बीच में लंबा अनुभव है। प्रहलाद पटेल भले ही पहली बार विधानसभा में पहुंचे हैं, वे पहली बार सांसद 1989 बने थे। वे केंद्र में मंत्री भी रहे।
काम करने में होगी आसानी
सूत्रों की मानी जाए तो डॉ. यादव द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से मंत्रिमंडल के विस्तार के लिए नाम तय करने के बीच में केंद्रीय नेतृत्व ने यह जानने का भी प्रयास किया कि डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट को सुपर कॉम्बो का रूप दिया जाए तो इससे तालमेल और प्रदेश के विकास की क्या स्थिति होगी। इसके चलते लंबा मंथन चला। जिसमें यह पाया गया कि ऐसे ही मजबूत और सुयोग्य नेताओं वाला कैबिनेट ही हर स्थिति में प्रदेश में बेहतर करेगा। इन सभी में तालमेल की भी कमी नहीं रहेगी। सभी संगठन और जनता को महत्व देने वाले नेता हैं।
पूर्व गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा से मिलने पहुंचे मंत्री सारंग
पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा से सौजन्य भेंट करने मंत्री विश्वास सारंग उनके चार इमली स्थित बंगले पर पहुंचे। सारंग ने मिश्रा से करीब आधे घंटे तक चर्चा की।
बीस साल में पहली बार इतना हेवीवेट कैबिनेट
भाजपा की सरकार 2003 में प्रदेश में बनी थी। उस वक्त उमा भारती के नेतृत्व में भी इतना हेवीवेट कैबिनेट नहीं बना था। तीन दशक से विधानसभा में पहुंचने वाले बाबूलाल गौर जब मुख्यमंत्री बने तब भी वे इतना मजबूत कैबिनेट नहीं बना सके थे। गौर के बाद शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने तक भी इतना मजबूत कैबिनेट नहीं माना गया।