
सीएम सोरेन ने झारखंड में भारी बारिश से उत्पन्न हालात को लेकर सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की
रांची
झारखंड में मॉनसून की दस्तक के साथ ही भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को झारखंड मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्तों से संवाद किया। उन्होंने अधिकारियों को पूर्ण रूप से अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया और जल जमाव, क्षतिग्रस्त सड़कें, पुल और फसलों के नुकसान से जुड़ी समस्याओं पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई के लिए कहा।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जल निकासी पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में जल जमाव की स्थिति से आम लोगों को राहत दिलाना प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने उपायुक्तों को स्थानीय निकायों के साथ समन्वय स्थापित कर जल्द से जल्द जल निकासी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल जमाव वाले इलाकों में एंटी लार्वा छिड़काव कराने और बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग को सक्रिय रखने को कहा।
प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजें
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में भारी बारिश से सड़क, पुल, घर या फसल को नुकसान हुआ है, वहां का आकलन कर तत्काल रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाए ताकि पीड़ितों को समय पर राहत और मुआवजा दिया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने जिलों को निर्देशित किया कि कंट्रोल रूम को पूरी तरह सक्रिय रखा जाए ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
पर्यटन स्थलों पर NDRF और सुरक्षा बलों की तैनाती
मुख्यमंत्री ने कहा कि वॉटरफॉल, बराज जैसे पर्यटन स्थलों पर विशेष सतर्कता बरती जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि NDRF की टीमों के साथ-साथ स्थानीय लोगों की मदद से किसी भी तरह की अनहोनी को टालने की तैयारी की जाए। आवश्यकता अनुसार इन स्थलों पर सुरक्षा बलों की तैनाती भी सुनिश्चित की जाए।
स्वास्थ्य सेवाएं रहें तैयार, सर्पदंश के लिए दवाएं उपलब्ध हों
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बरसात में सर्पदंश (स्नेक बाइट) के मामले बढ़ते हैं, इसलिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी रेबीज टीका और अन्य आवश्यक दवाएं उपलब्ध रखी जाएं। उन्होंने कहा कि मॉनसून की शुरुआत से ही चुनौतियां सामने आ रही हैं, ऐसे में सभी विभागों को पूरी तैयारी के साथ काम करना होगा।
अवैध बालू निकासी पर रोक लगाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने पुल-पुलियों के क्षतिग्रस्त होने के संभावित कारणों पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि अवैध बालू निकासी इन दुर्घटनाओं का मुख्य कारण हो सकता है। उन्होंने ऐसे कार्यों पर तुरंत रोक लगाने के लिए कड़े निर्देश दिए। इस महत्वपूर्ण बैठक में मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, मुख्य सचिव मती अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार समेत राज्य भर के उपायुक्त व अन्य अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल रहे।