ज्ञानवापी पर CM योगी का बयान सही नहीं… बहस के दौरान सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की दलील
ज्ञानवापी परिसर में एएसआई के सर्वे को रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची मस्जिद कमेटी ने सुनवाई के दौरान योगी आदित्यनाथ के बयान का भी जिक्र किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो बातें कही कि इसे मस्जिद कहना ही विवाद होगा। मुस्लिम पक्ष को सामने आना चाहिए। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि ज्ञानवापी पर सीएम योगी का बयान गलत है। मुस्लिम निकाय अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का सर्वेक्षण इतिहास में जाने का इरादा रखता है और ‘अतीत के घावों को फिर से ताजा कर देगा।
मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हुज़ेफ़ा अहमदी ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दलील दी कि एएसआई की यह कवायद ‘इतिहास को खोदना’ है, पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन करना और भाईचारे और धर्मनिरपेक्षता पर आघात करना है। बहस के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील ने सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान का हवाला भी दिया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस मामले में सीएम का बयान सही नहीं है। इसमें राज्य का सही नहीं है।
पॉडकास्ट में ज्ञानवापी मुद्दे पर पूछे गए सवाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफगोई से उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि हम उसे मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा। भगवान ने जिसे दृष्टि दी है, वह देखे। मस्जिद के अंदर त्रिशूल क्या कर रहा है। हमने तो नहीं रखे हैं न। ज्योतिर्लिंग हैं, देव प्रतिमाएं हैं। पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं। मुझे लगता है कि ये प्रस्ताव मुस्लिम समाज की तरफ से आना चाहिए कि ऐतिहासिक गलती हुई है। उस गलती के लिए हम चाहते हैं कि उसका समाधान हो।