राजनीतिक

नोटिस पर भी बाज नहीं आई कांग्रेस, अब PM नरेंद्र मोदी को बता डाला ‘पनौती-ए-आजम’, पोस्ट पर लिखा ‘पनौती तुम कब जाओगे

नई दिल्ली
क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में भारतीय टीम की हार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी से जोड़ते हुए उन्हें पनौती बता दिया था। इस पर भाजपा ने उनकी चुनाव आयोग में शिकायत की थी। इस पर आयोग ने उन्हें नोटिस भी जारी किया था, लेकिन कांग्रेस अब भी अपने तेवर वही बनाए हुए है। उसने अब सोशल मीडिया पर एक और विवादित टिप्पणी करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को पनौती-ए-आजम बता दिया है। एक पोस्टर जारी करते हुए लिखा है, 'पनौती तुम कब जाओगे।' इस पोस्टर में कांग्रेस ने पीएम मोदी को चंद्रयान-2 की असफलता, कोरोना और फाइनल में हार के लिए जिम्मेदार बताया है।

दरअसल अहमदाबाद में हुए वर्ल्ड कप फाइनल को देखने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी भी पहुंचे थे। उसी का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने उन्हें लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। किसी चीज या व्यक्ति को अशुभ बताने के लिए पनौती शब्द का इस्तेमाल लोग करते हैं। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी के लिए इस तरह की बात करना कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकता है। 2019 के आम चुनाव से पहले भाजपा ने पीएम मोदी के लिए चौकीदार चोर है बोलने को हथियार बना लिया था। अब राहुल गांधी के इस बयान पर भी भाजपा मुद्दा बना सकती है। राहुल गांधी और कांग्रेस पर पीएम मोदी को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए भाजपा आक्रामक हो सकती है।

इस मसले पर चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। अब कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 1960 की फिल्म मुगल-ए-आजम की तर्ज पर एक पोस्टर जारी किया है। इसका शीर्षक पनौती-ए-आजम दिया गया है। यही नहीं एक पोस्टर पंजाब कांग्रेस ने जारी किया है, जिसमें लिखा गया है- पनौती तुम कब जाओगे। गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी पहले भी कांग्रेस की ओर से खुद पर किए गए हमलों को ही हथियार बनाकर चुनाव में उतरते रहे हैं।

पहले भी 'नीच' और चायवाला जैसे बयानों पर भुगत चुकी है कांग्रेस
अब तक इन बयानों पर पीएम मोदी ने कुछ नहीं कहा है। लेकिन किसी अहम मौके पर या फिर लोकसभा चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी अपने ही अंदाज में इसका जवाब दे सकते हैं। इससे पहले कांग्रेस को 'मौत का सौदागर', नीच आदमी और चाय वाला जैसी टिप्पणियां भारी पड़ी हैं। इस तरह भाजपा एक बार फिर से इस मसले पर फायर हो सकती है और 2024 से पहले पीएम के अपमान को जोर-शोर से मुद्दा बनाया जा सकता है।

 

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