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कांग्रेस के 196 तो BJP के 200 उम्मीदवार करोड़पति, महिलाएं महज 10%, जानें किसने कितने दागी उतारे

भोपाल

मध्य प्रदेश में इन दिनों विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार चरम पर है। राज्य में 17 नवंबर को मतदान होना है। इस बीच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिमार्म्स (ADR) ने उम्मीदवारों द्वारा दाखिल हलफनामों पर रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य की सभी 230 सीटों पर कुल 2534 प्रत्याशी मैदान में हैं।

आइये जानते हैं एडीआर की रिपोर्ट में कौन-कौन सी जानकारियां सामने आई हैं?

कितने उम्मीदवार दागी?

पिछले पांच वर्षों में दागी उम्मीदवारों में बढ़ोतरी देखी गई है। इस चुनाव में उतरे 2534 में से 472 उम्मीदवारों (19 फीसदी) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इससे पहले 2018 के चुनाव में लड़ने वाले 2716 में से 464 उम्मीदवार (17 फीसदी) ऐसे थे जिन पर आपराधिक मामले दर्ज थे। 

2023 में किस्मत आजमा रहे 291 उम्मीदवार (11 फीसदी) ऐसे हैं जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसी तरह 2018 में 295 उम्मीदवार (11 फीसदी) ऐसे थे जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे। 

कांग्रेस ने सबसे ज्यादा दागियों को दिया टिकट 
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवार कांग्रेस के हैं। कांग्रेस के 230 में से 121 उम्मीदवारों (53%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। दूसरे नंबर पर भाजपा के 65 उम्मीदवार (28%) दागी हैं। आम आदमी पार्टी के 66 में से 26 उम्मीदवारों (39%) पर केस चल रहा है। वहीं, बसपा के 181 में से 22 उम्मीदवारों (12%) पर आपराधिक मामले चल रहे हैं।

इसी तरह कांग्रेस के 61 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के 23 उम्मीदवार गंभीर आपराधिक मामले का सामना कर रहे हैं। आप के 16 उम्मीदवार गंभीर आपराधिक मामले का सामना कर रहे हैं। वहीं बसपा के 16 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं।

मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ रहे कुल उम्मीदवारों में 24 के खिलाफ महिला अपराध से जुड़े मामले दर्ज हैं। एक उम्मीदवार के खिलाफ दुष्कर्म की धारा (आईपीसी 376) में मामला दर्ज है। 10 उम्मीदवार हत्या से जुड़े मामलों (आईपीसी 302) का सामना कर रहे हैं। ऐसे ही राज्य के 10 उम्मीदवारों पर हत्या के प्रयास (आईपीसी 307) से जुड़े मामले चल रहे हैं।

 

कितने करोड़पति प्रत्याशी मैदान में?

दागियों की तरह धनी उम्मीदवारों की संख्या भी राज्य में बढ़ी है। 2023 में उतरे 2,534 प्रत्याशियों में से 29 फीसदी यानी 727 प्रत्याशी करोड़पति हैं। इससे पहले 2018 में चुनाव लड़ने वाले कुल 2,716 प्रत्याशियों में से 24 फीसदी यानी 656 प्रत्याशी करोड़पति थे। 

265 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनकी संपत्ति पांच करोड़ या इससे ज्यादा है। 250 उम्मीदवारों की दौलत दो से पांच करोड़ के बीच है। 50 लाख से दो करोड़ की संपत्ति वाले 506 उम्मीदवार मैदान में हैं। ऐसे उम्मीदवार जिनकी दौलत 10 लाख से 50 लाख है उनकी संख्या 683 है। 830 प्रत्याशियों की संपत्ति 10 लाख से कम की है।

भाजपा ने सबसे ज्यादा करोड़पतियों को दिया टिकट
भाजपा के सबसे ज्यादा 200 उम्मीदवार (87%) करोड़पति हैं। दूसरे स्थान पर कांग्रेस के 196 प्रत्याशी (85%) करोड़पति हैं। आम आदमी पार्टी के कुल 66 उम्मीदवारों में से 39 यानी 59% करोड़पति हैं। वहीं, बसपा के 54 उम्मीदवारों (30%) की दौलत एक करोड़ रुपये से ज्यादा की है।

इस बार चुनाव मैदान में उतरे सभी प्रत्याशियों के औसत धन की बात करें तो यह 2.89 करोड़ रुपये है। वहीं 2018 में 2716 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.73 करोड़ रुपये थी। पार्टीवार आंकड़े देखें तो, इस बार कांग्रेस के प्रत्याशियों के औसत संपत्ति 13.69 करोड़ रुपये है। दूसरे नंबर पर भाजपा के उम्मीदवारों के औसत संपत्ति 10.46 करोड़ रुपये है। आप के प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 2.76 करोड़ रुपये है। वहीं बसपा के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.96 करोड़ रुपये है।

 

सबसे अमीर उम्मीदवार के पास 296 करोड़ की संपत्ति

इस बार सबसे अमीर प्रत्याशी रतलाम शहर सीट से भाजपा के चैतन्य कश्यप हैं। कश्यप की कुल संपत्ति 296 करोड़ है। दूसरे नंबर पर विजराघवगढ़ सीट से भाजपा के संजय पाठक हैं, जिनकी संपत्ति 242 करोड़ रुपए है। वहीं, इंदौर-1 से भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस के संजय शुक्ला तीसरे सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। संजय शुक्ला की कुल संपत्ति 217 करोड़ है। 

12 प्रत्याशियों के पास नहीं है कोई संपत्ति
एडीआर की रिपोर्ट से एक दिलचस्प आंकड़ा भी सामने आया है, जिसके मुताबिक चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में 12 ऐसे प्रत्याशी भी मैदान में हैं, जिनकी कोई संपत्ति ही नहीं है। हालांकि, इस सूची में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी जैसी पार्टियों के प्रत्याशी नहीं हैं। 

कितने पढ़े-लिखे हैं उम्मीदवार?

चुनाव में किस्मत आजमा रहे 1233 उम्मीदवार यानी 49 फीसदी पांचवीं से बारहवीं कक्षा तक पढ़े हैं। 1105 उम्मीदवारों (44 फीसदी) ने स्नातक या उससे अधिक की पढ़ाई की है। 28 प्रत्याशी डिप्लोमा धारी, 134 साक्षर और 28 निरक्षर हैं। इनके अलावा छह उम्मीदवार ने अपनी शैक्षिक योग्यता नहीं बताई है।

कितने उम्रदराज हैं उम्मीदवार? 
उम्मीदवारों में 952 यानी 38 फीसदी की उम्र 25 से 40 के बीच है। 1252 यानी की 49 फीसदी की उम्र 41 से 60 के बीच है। वहीं, 328 यानी की 13 फीसदी की उम्र 61 से 80 के बीच है। दो उम्मीदवारों की उम्र 80 साल से ज्यादा की है। 

इस बार कुल उम्मीदवारों में 253 यानी की 10 फीसदी महिला हैं। इससे पहले 2018 में कुल उम्मीदवारों में 253 यानी की नौ प्रतिशत महिला हैं। 

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