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बागियों से कांग्रेस को 100% नुकसान भाजपा के बागी बेअसर हुए साबित

भोपाल

विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर बागी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों ने अपने दलों को नुकसान पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। हालांकि भाजपा में इसका ज्यादा असर नहीं हुआ, फिर भी भाजपा अपने बागियों के कारण कुछ सीट हार गई। वहीं कांग्रेस के बागियों के चलते उसे लगभग सभी सीटों पर जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा। कांग्रेस के कुछ बागी दूसरे नंबर पर आने में भी सफल रहे।

भाजपा के बागी बेअसर

हर्षवर्धन सिंह चौहान, बुरहानपुर
इस सीट से भाजपा से बागी होकर हर्षवर्धन भले ही बड़ी संख्या में वोट ले जाने में सफल रहे हों, लेकिन वे भाजपा की जीत को रोक नहीं सके। यहां से अर्चना चिटनीस 31 हजार 171 वोटों से जीती, जबकि हर्षवर्धन सिंह 35 हजार 435 वोट ले जाने में सफल रहे।

केदारनाथ शुक्ला, सीधी
केदारनाथ शुक्ला सीधी सीट से चार बार विधायक रह चुके थे लेकिन बीजेपी ने उनका टिकट काट कर रीति पाठक को मैदान में उतारा था।  केदारनाथ शुक्ला ने निर्दलीय चुनाव लडे। केदार नाथ शुक्ला को 13 हजार 856 वोट ही मिले और रीति पाठक में यहां से बड़ी जीत दर्ज की।

संजीव सिंह, भिंड
बसपा से भाजपा में आए विधायक संजीव सिंह को टिकट नहीं देकर नरेंद्र सिंह कुशवाहा को उतारा। इसके बाद संजीव सिंह फिर बसपा में शामिल हो गए।  यहां नरेंद्र सिंह कुशवाहा को जीत मिली। संजीव को 3 हजार 938 वोट मिले।

घासीराम पटेल, राजनगर
घासीराम पटेल बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष थे लेकिन राजनगर सीट से टिकट कटने के बाद वे बसपा के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे।  वहीं, बीजेपी ने अरविंद पटेरिया को टिकट दिया। यहां पर अरविंद पटेरिया जीते।  घासीराम पटेल को 32195 वोट मिले।

यहां पर जीती कांग्रेस

राकेश सिंह, मुरैना
राकेश सिंह बीजेपी के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के बेटे हैं। बीजेपी ने यहां से रघुराजा कंसाना को उम्मीदवार बनाया जिससे रुस्तम सिंह और राकेश सिंह दोनों बीजेपी से इस्तीफा देकर बीएसपी में चले गए। बीएसपी ने राकेश सिंह को मुरैना सीट से चुनाव लड़ाया जिसका फायदा कांग्रेस को मिला और भाजपा हार गई।

रत्नाकर चतुर्वेदी, सतना
रत्नाकर चतुर्वेदी बीजेपी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष थे और सतना सीट से टिकट न मिलने पर वह बसपा में शामिल हो गए और चुनाव लड़ा। जबकि बीजेपी ने सतना सीट से सांसद गणेश सिंह को टिकट दिया। इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार डब्बू सिद्धार्थ सुखलाल को जीत हासिल हुई।

कांग्रेस के इन बागियों ने पार्टी को हरवा दिया
कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बागी होकर चुनाव लड़ने वाले नेताओं ने अपने क्षेत्र में खासे वोट लेकर कई जगह पर कांग्रेस को तीसरे नंबर पर कर दिया। इनमें नागौद से यादवेंद्र सिंह, महू से अंतर सिंह दरबार, गोटेगांव से शेखर चौधरी, आलोट से प्रेमचंद गुड्डू के नाम शामिल हैं।

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