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सुखविंदर सुखी के भाषण पर बवाल, बाजवा का तीखा तंज—‘पहले बताओ किस पार्टी से हो’

चंडीगढ़ 
पंजाब विधानसभा द्वारा बुलाए गए विधानसभा के स्पेशल सेशन में आज उस समय हंगामा हो गया जब विधायक डॉ. सुखविंदर कुमार सुखी बोलने लगे तो विरोधी पार्टी के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने उन्हें रोक दिया और मांग की कि वे साफ करें कि वे किस पार्टी से हैं। जिसके बाद विधानसभा में विवाद बढ़ गया। इस दौरान स्पीकर ने बाजवा को जवाब देते हुए कहा कि सुखविंदर कुमार सुखी पंजाब विधानसभा के मेंबर हैं और बंगा से दूसरी बार विधायक हैं।

स्पीकर ने कहा कि आपने खुद कहा कि आज का मुद्दा बहुत गंभीर है, इस पर पॉलिटिक्स न करें। अगर मजदूरों की बात हो रही है तो आप मजदूरों की बात करने नहीं दे रहे। उन्होंने कहा कि अगर आप गरीबों की बात करना चाहते हैं तो उसे क्यों रोक रहे हो। स्पीकर ने बाजवा से पूछा कि आपके लिए पार्टी जरूरी है या मुद्दा? इस विवाद पर बोलते हुए पंजाब प्रधान अमन अरोड़ा ने कहा कि जो स्टेटस संदीप जाखड़ का है, वही स्टेटस सुखविंदर सुखी का भी है। अब आप क्या ढूंढ रहे हैं? उन्होंने कहा कि आज बाजवा साहब कांग्रेस के लिए कम और भाजपा और अकाली दल के लिए ज़्यादा बोल रहे हैं।

इसके बाद हरपाल सिंह चीमा ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि जब भी कोई गरीब लोग अपने घर से निकलकर विधायक बनता है  तो बाजवा साहब को दर्द होता है। उन्होंने कहा कि आप क्यों परेशान हो रहे हैं, सब जानते हैं कि कांग्रेस पार्टी दलित, गरीब और मजदूर विरोधी पार्टी है। जो इस पर चर्चा नहीं करना चाहती। इस पर स्पीकर ने बाजवा से कहा कि सुखविंदर सुखी पहली बार नहीं बोल रहे हैं, जिस पर आप एतराज़ कर रहे हैं। आज जब गरीबों की बात हो रही है, तो आप एतराज कर रहे हैं।

विवाद के बाद सुखविंदर सुखी ने विधानसभा में बात की
विधायक सुखविंदर सुखी ने कहा कि भाजपा ने मनरेगा स्कीम को छोड़ दिया है और इस स्कीम का नाम “जी राम जी” रख दिया है। यह स्कीम सिर्फ़ दलितों को ही नहीं बल्कि मज़दूरों और गरीबों को भी खत्म कर देगी। अब वे राम जी के सहारे लोगों तक पहुंचना चाहते हैं और लाखों लोगों को बर्बाद करना चाहते हैं।
 
उन्होंने कहा कि वह अपने इलाके के दो हजार लोगों के साइन लेकर आए हैं। भाजपा विधायक अश्विनी जी मुझसे इस बारे में पूछ रहे हैं, “आपने पंचायत सेक्रेटरी के ज़रिए फॉर्म भरा है।” उन्होंने कहा कि मैं विधानसभा में अश्विनी जी को चैलेंज देता हूं कि अगर वह कन्फर्म कर दें कि मैंने ये फॉर्म अपने किसी सेक्रेटरी के ज़रिए भरे हैं, तो मैं आज ही पॉलिटिक्स छोड़ दूंगा। उन्होंने कहा कि इन फॉर्म में उन लाखों लोगों के विचार हैं जिन्हें इस स्कीम का फायदा मिलता था। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री भगवंत मान का शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने हमें इस स्कीम पर बोलने का मौका दिया।

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