
130 दुकानदारों को निगम ने चस्पा किए कारण बताओ नोटिस
करनाल/टीम एक्शन इंडिया
नगर निगम आयुक्त अभिषेक मीणा के निर्देश पर शहर की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने पर लगातार काम हो रहा है। इसके लिए निगम की टीम शहरवासियों, विशेषकर सभी चारों जोन के वाणिज्यिक क्षेत्रों में दुकानदारों को जागरूक करने के साथ-साथ सख्ती भी बरत रही है। सेनीटेशन टीम द्वारा शहर के वाणिज्यिक क्षेत्रों का औचक निरीक्षण किया गया था। इस दौरान मार्केट एरिया के करीब 130 दुकानों के आगे गंदगी पाई गई। मंगलवार को इन सभी दुकानों के आगे कारण बताओ नोटिस चस्पा कर दिए गए हैं। बता दें कि इनमें करीब 30 ऐसे दुकानदार भी हैं, जिन्होंने इस गलती को दोबारा दोहराया और अब इन दुकानदारों को दूसरा नोटिस दिया गया है। इनकी ओर से एक सप्ताह में संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो, प्रत्येक दुकानदार का 5 हजार रुपए का चालान किया जाएगा। यह जानकारी उप निगमायुक्त अरूण भार्गव ने दी।
निगम ने बनाए अलग-अलग रंगो के नोटिस- उप निगमायुक्त ने बताया कि गंदगी फैलाने के लिए निगम की ओर से जो नोटिस तैयार करवाए गए हैं, वह कलर स्कीम में हैं। पहला नोटिस सफेद कागज का होगा, लेकिन उसका संतोषजनक जवाब लिया जाएगा। दोबारा गलती करने पर दूसरा नोटिस दिया जाएगा, जो पीले रंग का होगा। इस नोटिस का दुकानदार सही जवाब नहीं देगा, तो उसे जुमार्ना भुगतना पड़ेगा। तीसरा नोटिस लाल रंग का होगा, उसका कोई जवाब नहीं मांगा जाएगा, चालान कटेगा ही कटेगा।
उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान सभी दुकानदारों से अपील की गई कि वह दुकानों से निकलने वाला कूड़ा-कर्कट अपने डस्टबिन में रखें और उसे कूड़ा उठाने वाले टिप्परों में डालें। उन्हें इस बारे भी जागरूक किया गया कि मार्केट क्षेत्र में जो लिटर बिन रखे गए हैं, वह केवल ग्राहकों व राहगीरों के लिए हैं, ताकि वह अपना कूड़ा इधर-उधर गिराने के बजाए इनमें डाल सकें।
कूड़ा पृथ्क्करण को लेकर नगर निगम चला रहा सघन अभियान- उप निगमायुक्त ने जानकारी दी कि शत प्रतिशत कूड़ा पृथ्क्करण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नगर निगम सघन अभियान चलाए हुए है। उन्होंने बताया कि इसे लेकर निगम शहर के वार्ड नम्बर- 8, 9 व 10 में सफलता हासिल कर चुका है और अब वार्ड- 7, 11 व 12 में कूड़ा पृथ्थीकरण को लेकर अभियान प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए वार्ड पार्षद, गैर सरकारी संगठन, रेजिडेंट वैल्फेयर एसोसिएशन व मास्टर ट्रेनर को भी साथ लिया जा रहा है। इसके तहत निगम की विभिन्न टीमें प्रत्येक घर तक पहुंचकर सोर्स सैग्रीगेशन यानि घरेलू स्तर पर ही गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग रखने, हरे व नीले डस्टबिन का प्रयोग, होम कम्पोस्टिंग, अपने परिसर को साफ-सुथरा रखने व सिंगल यूज प्लास्टिक बैन की जानकारी नागरिकों विशेषकर गृहिणियों को दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इन प्रयासों से हमारा शहर, स्वच्छता में अच्छे से अच्छे मुकाम को हासिल कर सकेगा।
उन्होंने बताया कि स्वच्छता नागरिकों के सहयोग से होने वाली एक सतत प्रक्रिया है। साफ-सफाई को ईश्वर के बाद दूसरा दर्जा दिया गया है अर्थात जहां स्वच्छता होगी, वहां ईश्वर निवास करता है।
स्वच्छता केवल कहने और स्लोगन लिखने से नहीं, बल्कि लोगों के व्यवहार से कायम रह सकती है अर्थात सफाई करने से नहीं, रखने से होती है। गंदगी एक अभिशाप है, यह न केवल देखने में अशोभनीय लगती है, बल्कि अस्वच्छ वातावरण में बीमारियां भी पनपती हैं।