सिसोदिया को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करने पर कोर्ट नाराज, जेल अथॉरिटी से मांगा जवाब
नई दिल्ली
दिल्ली की विवादित आबकारी नीति घोटाले में मुख्य अभियुक्त और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बिना कोर्ट की अनुमति के वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश किए जाने पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है. हालांकि, कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को अगले महीने की 5 तारीख तक बढ़ा दिया है.
अदालत ने जेल प्रशासन से पूछे सवाल
आप नेता को शुक्रवार सुबह दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में स्पेशल जज एमके नागपाल के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया. उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किए जाने पर सवाल उठाते हुए अदालत ने जेल अथॉरिटी से सवाल पूछे हैं और कहा कि मनीष सिसोदिया को शारीरिक यानी प्रत्यक्ष रूप से पेश क्यों नहीं किया गया?
न्यायाधीशन ने जेल अथॉरिटी से पूछा कि मनीष सिसोदिया को व्यक्तिगत रूप से पेश न करने की अनुमति मांग ने के लिए कोर्ट से क्यों नहीं पूछा गया? इसकी इजाजत लेनी चाहिए थी.
मेल नहीं करने पर लिखित में देना होगा स्पष्टीकरण
कोर्ट ने आगे सख़्त लहजे में कहा कि अगर अगले आधे घंटे में तिहाड़ अथॉरिटी ने कोर्ट को मेल नहीं भेजा तो उसे लिखित में उस इस संबंध में स्पष्टीकरण देना होगा. कोर्ट स्टाफ ने 5 फरवरी को अगली तारीख पर तिहाड़ जेल स्टाफ को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सिसोदिया को शारीरिक रूप से पेश किया जाए.
5 फरवरी तक जेल में रहेंगे सिसोदिया
साथ ही कोर्ट ने CBI के द्वारा मामले में की जा रही जांच की स्थिति पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि CBI ऑफिस में दस्तावेजों की जांच को अब बंद किया जाता है. फिलहाल राउज एवन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 5 फरवरी तक बढ़ा दी है.
जेल अथॉरिटी ने कोर्ट को नहीं दी सूचना
दरअसल, जेल अथॉरिटी ने गणतंत्र दिवस के चलते सुरक्षा संबंधी इंतजामों के तहत मनीष सिसोदिया को आज कोर्ट में प्रत्यक्ष रूप से पेश नहीं किया गया था, लेकिन प्रशासन ने उनकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश के संबंध में अदालत को सूचित नहीं किया था और ना ही इसकी इजाजत ली गई थी. इस पर कोर्ट ने तिहाड़ प्रशासन की खबर ली.