अन्य राज्यहरियाणा

हरियाणा में गैंगस्टरों पर शिकंजा: STF की सिफारिश पर 100 से ज्यादा अपराधियों की जेल बदली

चंडीगढ़ 
हरियाणा में बढ़ते अपराधों पर रोक लगाने के लिए स्पैशल टास्क फोर्स (एस.टी.एफ.) की सिफारिश पर जेल विभाग ने नामी गैंगस्टरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। एस.टी.एफ. की ओर से दी गई सूची के तहत प्रदेश भर में 100 से ज्यादा बड़े गैंगस्टरों की जेलें बदल दी गई है। इनमें उत्तरी हरियाणा के 5 जिलों की जेलों में बंद अपराधियों को दक्षिण हरियाणा की जेलों में भेजा गया है।

जेल प्रशासन की इस कवायद से अब अपराधियों में हड़कंप मच गया है। एस.टी.एफ. का सबसे ज्यादा फोकस अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल जेलों में बंद कई अपराधियों को शिफ्ट करने पर था जो लंबे समय से गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा सरीखे गैंग के लिए काम कर रहे थे। इनमें यमुनानगर की जेल से 8 ऐसे अपराधियों को नारनौल और फरीदाबाद भेजा गया है जिनका पिछले कई अपराधों में सीधे तौर से नाम आया था। मनीष, राजन जाट और शुभम सहित कई बड़े अपराधियों को किया शिफ्ट एस.टी.एफ. और जेल विभाग के सूत्रों की मानें तो जी.टी. रोड बैल्ट में आतंक का पर्याय बने कई अपराधियों को अब दक्षिण हरियाणा की जेलों में शिफ्ट किया जा चुका है।

इनमें मनीष सिंघारी, राजन जाट, बंटी कौशल, विकास मनचंदा और शुभम बिगनी जैसे बड़े अपराधी शामिल हैं। बताया गया कि राजन जाट और शुभम बिगनी जैसे कई लोग गैंगस्टर लॉरेंस और काला राणा गैंग के लिए काम करते हैं जिन पर एस.टी.एफ. की लंबे समय से नजर थी। एस.टी.एफ. की ओर से जेल विभाग को कई दिन पहले यह सूची दी गई थी। एस.टी.एफ. के अफसरों ने कहा था कि यदि इन अपराधियों को दूर की जेलों में शिफ्ट किया जाता है तो आए दिन हो रहे अपराधों में कमी आ सकती है।

शराब ठेकेदारों को धमकी देने में पाई गई इन अपराधियों की भमिका

एस.टी.एफ. के सूत्रों की मानें तो प्रदेश में शराब ठेकों की बोली नहीं होने देने में इन अपराधियों की बड़ी भूमिका पाई गई है। एस.टी.एफ. की जांच में पाया गया है कि बड़े गैंगस्टर से जुड़े इनमें से कई अपराधियों ने जेल के अंदर से ही शराब ठेकेदारों पर गोली चलवाने की योजना बनाई थी और इसके कई सबूत भी एस.टी.एफ. के हाथ लगे हैं। खासतौर से यमुनानगर जिले में शराब ठेकों की नीलामी तय समय से बहुत देरी से हुई थी।

अपराधियों के साथ ही जेल कर्मियों पर भी होगी सख्ती : आलोक राय

हरियाणा के डी. जी. जेल आलोक कुमार राय ने कहा कि एस.टी.एफ. की ओर से चिन्हित अपराधियों को दूसरी जेलों में शिफ्ट किया जा चुका है। अब ऐसे अपराधियों से सांठ-गांठ रखने वाले जेल कर्मियों की भी जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तरी हरियाणा की कई जेलों में जेल कर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। जिनमें उनकी ओर से अपराधियों को मोबाइल फोन उपलब्ध करवाया जाता था। डी.जी. जेल ने कहा कि अब जेलों से नैटवर्क चलाने वाले अपराधियों की खैर नहीं है और अपराधियों का सहयोग करने वाले अधिकारी-कर्मचारी भी छोड़े नहीं जाएंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button