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छत्तीसगढ़ के कई जिलों में साल 2023 में आपराधिक घटनाएं बढ़ी

चंपा
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में साल 2023 में आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं तो कुछ जिलों में कमी आई है। लेकिन इस संदर्भ में एवरेज देखें तो प्रदेश में आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। चंपा जिले में विभिन्न अपराधों की संख्या में वृद्धि हुई है। हालांकि चोरी , दुष्कर्म, बलवा के मामले इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में कम हुए हैं। जबकि नकबजनी, अपहरण, व्यपहरण , डकैती , हत्या और हत्या के प्रयास के मामले बढ़े हैं। छेड़छाड़ के मामले में भी कमी आई है। पिछले वर्ष जिले में साल भर में 3 हजार 145 मामले विभिन्न थानों में दर्ज हुए थे। वहीं इस साल इसकी संख्या बढ़कर 3 हजार 313 हो गई है। इस तरह पिछले साल से 168 अपराध इस साल अधिक हुए हैं।
इन जिलों में घटना आपराधिक घटनाएं

जिले में बड़े अपराध चोरी, दुष्कर्म और बलवा के मामले वर्ष 2022 की तुलना में कम हुए हैं जबकि नकबजनी , अपहरण, व्यपहरण , डकैती और हत्या के प्रयास के मामले बढ़े हैं। हालांकि पिछले वर्ष 2022 में हत्या के 27 मामले दर्ज हुए थे। इस साल इसकी संख्या में मात्र 1 प्रकरण की वृद्धि हुई है। भारतीय दंड संहिता की विभिन्न् धाराओं के तहत दर्ज मामले में इस साल 168 अपराधों की वृद्धि हुई है।

वर्ष 2022 में जनवरी से दिसंबर तक 3 हजार 145 अपराध दर्ज हुए थे। जबकि वर्ष 2023 में साल भर में 3 हजार 313 अपराध दर्ज हुए । इस तरह इस साल 168 मामले बढ़ गए। धोखाधड़ी , महिला प्रताड़ना, महिलाओं की लज्जा के अनादर संबंधित अपराध बढ़ गए। दुष्कर्म के मामले में कमी आई है। पिछले साल दुष्कर्म के 120 अपराध दर्ज हुए थे। इस साल 86 अपराध दर्ज हुए हैं। इस तरह 34 मामले कम हुए हैं। व्यपहरण व अपरहण के मामले में मामूली वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष 171 मामले दर्ज हुए थे इस साल इस तरह के 176 प्रकरण दर्ज हुए हैं। इसी तरह डकैती पिछले साल 2 जगह हुई थी। इस साल 3 प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।

नकबजनी के अपराध में हुई बढ़ोतरी

भादवि की धारा 379 से 381 तक विभिन्न् प्रकार की चोरियों के इस साल 287 मामले दर्ज हुए जबकि वर्ष 2022 में 364 प्रकरण दर्ज हुए थे। लेकिन नकबजनी के अपराध में वृद्धि हुई है।

साल 2023 में नकबजनी के 229 मामले दर्ज हुए। 2022 में 203 मामले दर्ज हुए थे। धोखाधड़ी के अपराध बढ़े जिले में वर्ष 2022 में धोखाधड़ी के 70 मामले पंजीबद्ध हुए हैं जबकि पिछले वर्ष 41 मामले दर्ज हुए थे। वर्ष 2021 में यह संख्या 55 थी वहीं 2020 में 23 और 2019 में 20 प्रकरण दर्ज हुए थे।

हत्या का सिर्फ एक प्रकरण इस साल बढ़ा है। वहीं बच्चों के गुम होने पर अपहरण का मामला दर्ज करना अनिवार्य है इसलिए इनकी संख्या अधिक दिख रही है। हालांकि इस साल 710 गुम बालक-बालिकाओं को बरामद किया गया है। पुलिस के साथ आम नागरिकों का भी सहयोग जरूरी है इससे समाज में अपराध को रोका जा सकता है।विजय अग्रवाल एसपी, जांजगीर-चांपा

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