कच्छ/ अहमदाबाद। चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ के कारण तेज हवाएं चलने और भारी बारिश होने से कच्छ और सौराष्ट्र के इलाकों में भारी तबाही हुई है। चक्रवाती तूफान अब कमजोर पड़ गया है लेकिन राज्य में विभिन्न स्थानों पर इसकी तबाही के निशान देखे जा सकते हैं । कच्छ में बिजली के खंभों के गिरने के कारण करीब 45 गांव अंधेरे में डूब गए और जगह जगह पेड़ उखड़ गए । अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
एक अधिकारी ने बताया कि चक्रवाती तूफान के जखौ बंदरगाह के निकट पहुंचने की प्रक्रिया शाम करीब साढ़े छह बजे शुरू हुई और देर रात दो बजकर 30मिनट तक चली। इस दौरान पूरे कच्छ जिले में भारी बारिश हुई। बिपारजॉय का बंगाली भाषा में अर्थ है आपदा। इसके कारण 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और भारी बारिश से बड़ी संख्या में पेड़ तथा बिजली के खंभे उखड़ गए और समुद्र का पानी निचले इलाके के गांवों में भर गया।
उन्होंने बताया ,‘‘ कच्छ जिले के नयाली तहसील में चक्रवात के कारण बिजली के तार गिर गए तथा खंभे उखड़ गए, जिसके कारण 45 गांव अंधेरे में डूब गए।’’ उन्होंने कहा कि गुजरात के तटीय इलाकों में पहुंचने के कुछ घंटों बाद चक्रवात की तीव्रता कम होकर ‘बेहद गंभीर’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में आ गई। चक्रवात उत्तर पूर्व की ओर बढ़ गया है और यह कमजोर पड़ गया है। उन्होंने बताया कि शाम तक यह दक्षिण राजस्थान के ऊपर दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा। तेज बारिश के बीच भावनगर में बृहस्पतिवार को एक उफनते नाले में फंसी अपनी बकरियों को बचाते समय एक व्यक्ति और उसके बेटे की मौत हो गई। कच्छ के जिलाधिकारी अमित अरोड़ा ने कहा कि जिले में च्रकवात से जुड़ी घटनाओं में जन हानि की कोई सूचना नहीं है।
उन्होंने कहा,‘‘कुछ लोगों के घायल होने और सदमे में आने के मामले सामने आए हैं।’’ राज्य आपदा अभियान केन्द्र (एसईओसी) के एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें अभी तक इसमें किसी के मारे जाने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। शुक्रवार सुबह भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी एक बयान के अनुसार,‘‘ बिपारजॉय कमजोर पड़कर ‘गंभीर’ चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है। आज सुबह साढ़े पांच बजे यह जखौ बंदरगाह (गुजरात) के पूर्व-उत्तर पूर्व में लगभग 70 किलोमीटर, नलिया से 50 किलामीटर उत्तर-पूर्व में सौराष्ट्र और कच्छ पर स्थित है। इसके उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने और दोपहर के आसपास सौराष्ट्र और कच्छ के ऊपर कमजोर पड़ने की संभावना है। 16 जून की शाम के करीब यह एक गहरे दबाव क्षेत्र में तब्दील हो सकता है।’’
आईएमडी ने बताया कि गुजरात तट के पास पहुंचने के दौरान चक्रवात 13 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ा। तट पर पहुंचने के दौरान हवा की गति 115-125 किलोमीटर प्रति घंटे से 140 किलोमीटर प्रति घंटा थी। अधिकारी ने बताया कि चक्रवात के मद्देनजर कई जिलों में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की कई टीम तैनात हैं। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने गांधीनगर में राज्य आपदा अभियान केन्द्र में हालात तथा राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। राज्य सरकार ने कहा कि आठ प्रभावित जिलों में 631 चिकित्सा दल और 504 एंबुलेंस तैनात की गई हैं। राज्य प्रशासन ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम तक उसने आठ तटीय जिलों में रहने वाले 94,000 से अधिक लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों में भेजा है।
अधिकरियों ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा सेना, वायुसेना, नौसेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को तैनात किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार रात मुख्यमंत्री पटेल से फोन पर बात करके ‘बिपारजॉय’ के आने के बाद राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने अन्य मामलों के साथ-साथ जंगली जानवरों, विशेषकर गिर के जंगल में शेरों की सुरक्षा के लिए राज्य प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पूछा। पटेल ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीफोन पर मुझसे बात करके चक्रवात बिपारजॉय के आने के बाद गुजरात की वर्तमान स्थिति के बारे में सभी जानकारी ली। उन्होंने गिर वन के शेरों समेत सभी जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी पूछा।’’