हरियाणा

डीबीटी योजनाओं को पीपीपी से जोड़ कर संचालित किया जाए: संजीव कौशल

टीम एक्शन इंडिया/चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वित विभिन्न विभागों की 83 योजनाओ में से 74 योजनाएं का लाभ देना डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम के अंतर्गत अधिसूचित किया गया है और इन्हें आधार कार्ड से भी जोड़ा गया है। इन योजनाओं को परिवार पहचान पत्र से संचालित किया जाए। मुख्य सचिव कौशल एडवाईजरी बोर्ड की तीसरी बैठक में डीबीटी योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त एवं योजना विभाग अनुराग रस्तोगी, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग एवं वाणिज्य विभाग आनन्द मोहन शरण, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डा. जी अनुपमा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, निदेशक खाद्य एवं पूर्ति विभाग मुकुल कुमार सहित योजना विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2014-15 से 2022 -23 तक राज्य सरकार ने कुल 3,674,833 अयोग्य/ डुप्लीकेट लाभार्थियों की सफलतापूर्वक पहचान की । इस रणनीतिक पहल के परिणाम स्वरूप 7822करोड़ 69 लाख रुपए की नोशनल बचत हुई है। राज्य ने अब तक अपने कल्याण कार्यक्रमों में यह उल्लेखनीय बचत हासिल की है।

मुख्य सचिव ने कहा कि कौशल विकास, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, कृषि, आयुष विभाग की 9 योजनाएं डीबीटी में शामिल नहीं की गई हैं। इन्हें भी एक सप्ताह में डीबीटी में शामिल किया जाए ताकि राज्य की सभी योजनाओं का लाभ डीबीटी के माध्यम से दिया जाना सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा सभी योजनाएं परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ही संचालित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब तक 26 विभागों ने 141 डीबीटी योजनाएं राज्य डीबीटी पोर्टल पर अपलोड कर दी गई हैं। इन 141 योजनाओं में 83 राज्य योजनाएं एवं 58 केंद्र प्रायोजित योजनाएं (सीएसएस) शामिल हैं। कौशल ने सभी योजनाओं का शत प्रतिशत डिजिटाईजेशन कर उन्होंने जनसहायक एप एवं उमंग प्लेटफार्म पर आॅनबोर्ड लाने के लिए डेटा अपलोड करने के भी निर्देश दिये। इसके माध्यम से आॅनलाईन एप्लाई, आवेदन का कम्प्युट्राईज प्रोसेस और सीधे प्रार्थी के खाते में भुगतान सुनिश्चित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सुशासन दिवस पर 25 दिसम्बर को जन सहायक एप को रिलांच किया जा रहा है। इसके बाद कॉमन सर्विस सेंटर पर चल रही सभी योजनाएं जन सहायक एप के माध्यम से संचालित की जाएगी। इसके अतिरिक्त, कौशल ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए पराली के प्रबंधन के लिए बनाई गई विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को तुरंत सब्सिडी देने का भी आग्रह किया।

साथ ही, उन्होंने धान की सीधी बुआई तकनीक अपनाने वाले पात्र किसानों को 1,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से निर्धारित सब्सिडी समय पर जारी करने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा हरियाणा के किसानों के लिए परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत भी लाभ दिया जाना सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि इस योजना के तहत किसानों को बायोफर्टिलाइजर, बायोपेस्टिसाइड, वर्मीकॉम्पोस्ट, बॉटेनिकल एक्सट्रैक्ट आदि जैसे इनपुट के लिए 50,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता दी जाती है। हरियाणा के किसानों को 5 लाख एकड़ का लाभ दिया जाना है। इसमें से 62 प्रतिशत राशि किसानों को डीबीटी के माध्यम से प्रदान की जाती है। इस तरह की योजनाएं किसानों को बायोफर्टिलाइजर का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं और उनकी खरीद पर अनुदान भी प्रदान करती हैं। इसके साथ ही किसानों के लिए बायोफर्टिलाइजर के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इसलिए किसानों को इन योजनाओं का लाभ समय मिलना चाहिए।

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