
शानदार अभिनय और लेखन ने कादर खान को बुलंदियों पर पहुंचाया
हिंदी सिनेमा के बेहतरीन अभिनेता और स्क्रीनराइटर कादर खान को शायद ही कोई भुला सकता है। कादर खान एक ऐसे अभिनेता थे जिन्होंने फिल्मों में हास्य भूमिकाओं के साथ-साथ विलेन की भूमिका को भी बखूबी निभाया। 22 अक्टूबर,1937 को जन्मे कादर खान ने साल 1973 आई फिल्म ‘दाग’ से जब रुपहले पर्दे पर कदम रखा ,तो उनके शानदार अभिनय ने हर किसी का दिल जीत लिया।
अपनी पहली ही फिल्म में कादर को राजेश खन्ना, शर्मीला टैगोर और राखी के साथ अभिनय करने का मौका मिला। इस फिल्म में कादर खान वकील की भूमिका में थे। इसके बाद कादर खान ने कई फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें सगीना, अनाड़ी, बैराग, खून पसीना,सुहाग, याराना, मास्टरजी, खून भरी मांग, प्यार का देवता, जुदाई, जुड़वा, मुझसे शादी करोगी, सुनो ससुरजी, हो गया दिमाग का दही आदि शामिल हैं।
अभिनय के साथ ही कादर खान ने कई फिल्मों के दमदार डायलॉग भी लिखे, जो आज भी काफी मशहूर हैं। इन डायलॉग्स में ‘तुम्हारी उम्र मेरे तर्जुबे से बहुत कम है, तुमने उतनी दीवालियां नहीं देखीं जितनी मैंने तुम जैसे बिकने वालों की बर्बादियां देखी हैं (जैसी करनी वैसी भरनी)’, ‘दुनिया की कोई जगह इतनी दूर नहीं है, जहां जुर्म के पांव में कानून अपनी फौलादी जंजीरें पहना ना सके (शंहशाह)’, ‘ऐसी मौत मारेंगे कि एक बार मौत को भी पसीना आ जाएगा (हम)’, ‘किसी भी अच्छी चीज को मशहूर होने में वक्त लगता है(सुहाग)’ आदि शामिल हैं। कादर खान ने अपने पूरे फिल्मी करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया।