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दिल्ली हाई कोर्ट ने मोदी सरकार की स्कीम को दिल्ली में भी लागू करने का दिया आदेश

नई दिल्ली
दिल्ली हाई कोर्ट ने पीएम-आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन (PM-ABHIM) स्कीम को राजधानी में लागू करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच 5 जनवरी 2025 तक एमओयू साइन करने को कहा है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की डिवीजन बेंच ने कहा कि योजना को पूरी तरह लागू करना होगा ताकि दिल्ली के लोग इस स्कीम के तहत मिलने वाले फंड और सुविधाओं से वंचित ना रहें।

24 दिसंबर के आदेश में कोर्ट ने कहा कि यदि इस बीच दिल्ली में आचार संहिता लागू हो जाए तो भी एमओयू साइन करना ही होगा, क्योंकि यह दिल्ली के नागरिकों के फायदे के लिए है। कोर्ट ने कहा कि जब 33 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसे पहले ही लागू कर चुके हैं तो ऐसा दिल्ली में ना करना उचित नहीं है। कोर्ट ने 12 दिन की मोहलत देते हुए 5 जनवरी तक एमओयू साइन करने को कहा। अगली सुनवाई के दिन इस एमओयू को पेश करने को कहा गया है।

कोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में आईसीयू बेड्स और वेंटिलेटर्स की सुविधा से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। फरवरी में डॉ. एसके सरीन कमिटी का गठन किया गया था जिसे दिल्ली सरकार और एमसीडी समेत अन्य अस्पतालों में मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए सलाह देनी थी। बेंच ने इससे पहले दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि राजधानी में सभी अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खोले जाएं।

भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हाई कोर्ट का आभार जताते हुए कहा कि PM-ABHIM योजना की घोषणा फरवरी 2021 में की गई थी और उसी साल अक्टूबर में लॉन्च किया गया था। इस योजना के तहत मोदी सरकार हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए पैसा देती है। दिल्ली के लिए मोदी सरकार ने 2406.77 करोड़ रुपए आवंटित करके रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत दिल्ली में 1139 अर्बन हेल्थ और वेलनेस सेंटर बनने थे। 11 डिस्ट्रिक्ट इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब बनने थे, 9 क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स बनने थे जिनमें 950 बेड होते। 400 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स बनने थे हर जिला अस्पताल में। 50 बेड वाले 5 ब्लॉक्स बनने थे हर सरकारी जिला अस्पताल में।

सांसद ने कहा, ‘कितनी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि एमओयू बना रखा है, 2400 करोड़ रुपया मोदी सरकार ने दिल्ली सरकार के लिए रखा है। लेकिन द्वेष की राजनीति के कारण केजरीवाल सरकार ने ना तो एमओयू साइन किया, ना पैसा लिया, ना हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया। दिल्ली के विकास में अवरोध डाला।’

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