दिल्ली

भलस्वा झील के पुनरुद्धार पर दिल्ली के मंत्री और एलजी में भिड़ंत

टीम एक्शन इंडिया/नई दिल्ली
भलस्वा झील के कायाकल्प पर एक बार फिर एलजी और आम आदमी पार्टी आमने सामने हैं। एलजी ने इस झील का दौरा करते हुए दिल्ली की इस अमूल्य संपत्ति के पुनरुद्धार के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के प्रयासों की सराहना की। दिल्ली सरकार के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल पर दिल्ली सरकार के कार्यों का झूठा श्रेय लेने का आरोप लगाया। पद की गरिमा को देखते हुए यह शोभनीय नहीं है। अपने ट्वीट में भारद्वाज ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली जल बोर्ड(डीजेबी)द्वारा कायाकल्प किया गया।

दिल्ली की चुनी हुई सरकार डीडीए के करीब 35-36 जल निकायों पर काम कर रही है। भारद्वाज ने ट्वीट के जरिये निशाना साधते हुए यह भी कहा है कि उपराज्यपाल ने मई, 2022 में पदभार ग्रहण किया। पिछले साल जनवरी में डीडीए के नाले के कायाकल्प का वर्क आॅर्डर दे दिया गया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली जल बोर्ड ने डीडीए नाले के कायाकल्प के लिए इस दिशा में पहल की थी। भारद्वाज ने निशाना साधते हुए कहा कि कई वर्षों से भलस्वा डेयरी से गायों के गोबर को डीडीए की झील में फेंका जा रहा है। झील की सफाई का जिम्मा तत्कालीन भाजपा शासित निगम का था।

झील की सफाई के लिए उपराज्यपाल ने दिए थे निर्देश: एलजी सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 15 अक्टूबर को भलस्वा झील का दौरा किया। उन्होंने इसकी दयनीय दयनीय स्थिति देखी। जलाशयों को साफ करने का कोई काम नहीं चल रहा था, इसके बाद एलजी ने डीडीए को झील को अपने कब्जे में लेने का निर्देश दिया। इसके बाद ही वास्तव में सफाई की शुरूआत हुई। भारद्वाज ने ट्वीट में डीडीए के 17 मई, 2019 के एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि इसके सहित सात जलाशयों को पुनर्जीवित करने की दिल्ली सरकार को अनुमति दी गई थी। मई, 2022 में दिल्ली के एलजी का पदभार ग्रहण करने के बाद कई महीनों से आप दिल्ली सरकार के काम का क्रेडिट ले रहे हैं। यह आपके पद को शोभा नहीं देती।

भलस्वा, गाजीपुर और ओखला में कचरे के पहाड़ की ऊंचाई 15 मीटर तक घटी: एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली की तीनों लैंडफिल साइट (कचरा भराव स्थल) का दौरा किया। पिछले तीन महीने में तीनों साइट से 12.5 लाख टन लेगेसी वेस्ट का निस्तारण किया गया। महज सात महीने में भलस्वा, गाजीपुर और ओखला में कचरे के टीले की ऊंचाई 15 मीटर कम हुई है। एलजी ने दिल्ली की तीनों साइट पर विरासत अपशिष्ट निष्तारण की समीक्षा के बाद निस्तारण में यह तेजी आई है। एलजी की पहल पर केंद्र सरकार, औद्योगिक इकाइयों सहित दूसरी एजेंसियों के सहयोग से कचरे का निस्तारण किया जा रहा है। कचरे के तीनों टीलों को समतल करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। 16 फरवरी को एनजीटी के निर्देश पर एलजी की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति की देखरेख में कचरे की समस्या से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयास और तेज हुए हैं।

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार को तीनों लैंडफिल साइट का दौरा कर अपशिष्ट उपचार और निपटान की समीक्षा की। जैव-उपचार और ठोस कचरे के निपटान में पिछले महीनों के दौरान लगातार तेजी आई है। दिल्ली के मुख्य सचिव, एमसीडी आयुक्त सहित वरिष्ठ अधिकारी भी एलजी के साथ मौजूद रहे। उन्होंने इस दौरान भलस्वा झील का भी निरीक्षण किया। उपराज्यपाल की अध्यक्षता में यमुना के कायाकल्प की तर्ज पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई। सिलसिलेवार बैठकों के बाद दिल्ली में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक कार्ययोजना बनाई गई। 6 अप्रैल के मुख्य सचिव के आदेश के बाद काम में और तेजी आई।

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