राजनीतिक

राज्यसभा में उठी बाहर ले जायी गयी प्राचीन कलाकृतियों को वापस लाने की मांग

नई दिल्ली
 राज्यसभा में  तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने भारत से विदेश ले जाई गईं प्राचीन कलाकृतियों का मुद्दा उठाते हुए उन्हें अमूल्य धरोहर बताया और सरकार से उन्हें वापस लाये जाने की मांग की।उच्च सदन में भोजनावकाश के बाद तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय ने विशेष उल्लेख के माध्यम से प्राचीन कलाकृतियों से संबंधित मुद्दा उठाते हुए कहा कि किसी भी देश की संस्कृति में उस देश की कलाकृतियों का खास स्थान होता है जो उसकी अमूल्य धरोहर होती हैं। उन्होंने कहा ‘‘हमारी ऐसी कई अमूल्य धरोहर देश से बाहर ले जाई गईं। इन्हें वापस लाया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि विदेशों से कई कलाकृतियां बीते दो दशक में भारत लाई गई हैं लेकिन अभी भी बहुत प्रयास करना बाकी है क्योंकि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा सहित विभिन्न राज्यों की कई महत्वपूर्ण एवं अनमोल कलाकृतियां दूसरे देशों में हैं।

उन्होंने कहा ‘‘इन कलाकृतियों तथा संग्रहालयों में रखीं कृतियों का समुचित रखरखाव तथा संरक्षण भी जरूरी है। ये कलाकृतियां हमारे गौरवशाली अतीत की यादों को ताजा करती हैं और हमारी यह अनमोल विरासत आने वाली पीढ़ियों को देश के समृद्ध इतिहास से भी अवगत कराती है।’’

भाजपा के नरेश बंसल ने बढ़ती जनसंख्या का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे न केवल विभिन्न समस्याएं उत्पन्न होती हैं बल्कि संसाधनों की भी जरूरत होती है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि दूसरे देशों के जनसंख्या नियंत्रण के मॉडल का अध्ययन कर देश में आबादी नियंत्रण के प्रयास किए जाएं।

इसी पार्टी के सामिक भट्टाचार्य ने विशेष उल्लेख के माध्यम से रेलवे के डिब्बों को आधुनिक बनाए जाने का सुझाव देते हुए कहा कि इससे यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाया जा सकेगा।

निर्दलीय सदस्य कार्तिकेयन शर्मा ने विदेशी छात्रों के अंग्रेजी ज्ञान को परखने के लिए ली जाने वाली टोफेल परीक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि विदेश में पढ़ने का सपना देख रहे छात्रों को अलग-अलग देशों में अंग्रेजी की यह परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती हैं और उनमें अच्छे अंक मिलने के बाद उनको अपने पसंद के विश्वविद्यालय में प्रवेश मिलता है।

शर्मा ने कहा कि इस परीक्षा के लिए कोचिंग की तैयारी और अध्ययन सामग्री बहुत महंगी होती है। उन्होंने कहा कि देश में इसके लिए आवश्यक व्यवस्था की जानी चाहिए।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के डॉ जॉन ब्रिटास ने केरल के कोझीकोड में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थापित किए जाने की मांग करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत विभिन्न राज्यों में 22 एम्स स्थापित करने का ऐलान किया गया है लेकिन केरल का इसमें कोई जिक्र नहीं है।

उन्होंने कहा कि केरल सरकार का स्वास्थ्य क्षेत्र में उल्लेखनीय काम रहा है लेकिन एम्स इस प्रदेश को भी चाहिए और इस बारे में केंद्र सरकार को बार बार प्रस्ताव दिया गया है।

आईयूएमएल के हारिस बीरन ने एयर इंडिया एक्सप्रेस द्वारा पिछले दिनों उड़ान रद्द करने के कारण यात्रियों को खासी परेशानी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एयरलाइन के कर्मियों ने भी वेतन विसंगति की शिकायत की है।

कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने ऊंचाहार-अमेठी रेलवे लाइन परियोजना से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसका शिलाान्यास 26 नवंबर 2013 को किया गया था। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत सात रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाना है।

तिवारी ने कहा कि इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट ( डीपीआर) भी तैयार हो चुकी है लेकिन एक दशक से अधिक समय बीत जाने के बावजूद यह शुरू नहीं हो पाई है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के डा वी शिवदासान ने कन्नूर में रेल अवसंरचना का मुद्दा उठाया और कहा कि बार बार अनुरोध किये जाने के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संदोष कुमार ने केरल राज्य का नाम बदल कर ‘केरलम’ किए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह मांग बेहद पुरानी है और हाल में केरल विधानसभा ने राज्य का नाम बदलने को लेकर सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था। उन्होंने कहा ‘‘आजादी के बाद कई राज्यों और शहरों का नाम बदला गया है। सरकार को केरल का नाम बदले जाने की मांग पर भी ध्यान देना चाहिए।’’

कांग्रेस की जेबी माथेर हीशम ने कहा कि केरल में कुक्कुट पक्षियों में हर साल बर्ड फ्लू की समस्या का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसके कारण बड़ी संख्या में पक्षियों को मारा जाता है। उन्होंने कहा कि इससे मनुष्य को भी संक्रमण का डर होता है।

उन्होंने मांग की कि इसके बारे में जागरुकता अभियान चलाया जाता चाहिए तथा उच्च स्तरीय राष्ट्रीय पशु संस्थान स्थापित किया जाना चाहिए जहां समय रहते इस तरह की समस्याओं का पता लगा कर निदान किया जा सके।

बीजू जनता दल के मुजीबुल्ला खान ने ओडिशा की राजमार्ग परियोजनाओं के काम में विलंब का मुद्दा उठाते हुए कहा कि या तो कहीं काम पूरा नहीं हो पा रहा है, कहीं अर्थ संकट आड़े आ रहा है और कहीं काम पूरा हो गया है तो वह काम स्तरीय नहीं है।

इसी पार्टी के सस्मित पात्रा ने तेंदू पत्ता पर 18 प्रतिशत जीएसटी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ओडिशा एक गरीब राज्य है और वहां के आदिवासी तेंदू पत्ता संग्रह कर उसे बांधते हैं, बेचते हैं और अपनी आजीविका कमाते हैं। उन्होंने कहा कि तेंदू पत्ता पर 18 प्रतिशत जीएसटी से इस क्षेत्र में कार्यरत लोगों को बेहद परेशानी हो रही है अत: इसे हटाया जाना चाहिए।

द्रमुक सदस्य एम षणमुगम ने दक्षिण रेलवे की एक परियोजना का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि तंजावुर रेल लाइन के ट्रैक दोहरीकरण की मांग बेहद पुरानी है और यह जरूरी भी है।

भाजपा की गीता उर्फ चंद्रप्रभा ने रक्षा गलियारे का विस्तार इटावा तथा औरैया जनपद तक किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर इन दोनों जनपदों का विस्तार होगा और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

द्रमुक सदस्य के आर एन राजेश कुमार, एम मोहम्मद अब्दुल्ला, आम आदमी पार्टी के संत बलबीर सिंह, भाजपा के अजित माधवराव गोपचड़े, डॉ भीम सिंह और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम) के ए ए रहीम ने भी लोक महत्व से जुड़े विभिन्न मुद्दे उठाए।

इसके बाद अपराह्न करीब पौने तीन बजे उपसभापति हरिवंश ने बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।

 

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