हिमाचल प्रदेश

उपायुक्त ने 31 बच्चों को बांटे सीएम सुखाश्रय योजना के तहत पात्रता प्रमाण पत्र

टीम एक्शन इंडिया/ऊना/राजन पुरी
मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत जिला के 182 अनाथ बालक-बालिकाओं के मामलों को चिंहित किया गया है। चिंहित किए गए 48 अनाथ बच्चों के मामले आर्थिक सहायता के लिए प्रदेश सरकार को भेजे गए हैं। जिला में सुख आश्रय योजना के तहत स्वीकृत किए गए 13 मामलों में लगभग 9.42 लाख रुपए की राशि अनाथ बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए वितरित की जा चुकी है। यह जानकारी उपायुक्त राघव शर्मा ने खंड ऊना के 31 अनाथ बच्चों को सुख आश्रय योजना के अंतर्गत पात्रता प्रमाण पत्र वितरित करने के उपरांत दी। राघव शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहल करते हुए अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन आॅफ द स्टेट का दर्जा दिया है। राघव शर्मा ने बताया कि चिल्ड्रन आॅफ द स्टेट के पात्रता प्रमाण प्रत्र वितरित करने के बाद बच्चों को इस योजना की शर्तों, नियमों तथा योजना से होने वाले लाभ के बारे में भी अवगत करवाया गया है।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जिला के पात्र बच्चों को इस योजना से जोडने का पूर्ण प्रयास रहेगा। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश पहला ऐसा राज्य है जहां पर राज्य सरकार दुर्भाग्यवश अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई, गृह निर्माण, कोचिंग तथा अपना स्वरोजगार शुरू करने के लिए अनुदान दे रही है। उपायुक्त राघव शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत विवाह अनुदान, कोचिंग अनुदान, उच्च शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और स्वरोजगार उद्यम इत्यादि विभिन्न लाभ शामिल हैं। इस मौके जिला कार्यक्रम अधिकारी नरेंद्र कुमार, सीडीपीओ कुलदीप सिंह दयाल सहित अन्य उपस्थित रहे।

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