अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिकी आलोचना के बावजूद इजरायल गाजा क्षेत्र पर लगातार हमले कर रहा है, हमले कर मारे 44 नागरिक

वाशिंगटन
अमेरिकी आलोचना के बावजूद इजरायल गाजा क्षेत्र पर लगातार हमले कर रहा है। गाजा के अधिकारियों ने बताया है कि तीन अलग-अलग हमलों में दर्जनों फिलिस्तीनी मारे गए हैं। गाजा सिविल डिफेंस के प्रवक्ता महमूद बसल ने कहा कि युद्धग्रस्त फिलिस्तीनी क्षेत्र में एक घंटे के अंदर तीन हवाई हमलों में कम से कम 44 लोग मारे गए हैं और दर्जनों घायल हो गए हैं। इज़राइल ने इनमें से दो हमलों की जिम्मेदारी भी ली है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि दक्षिणी गाजा में अल-मवासी में एक गैस स्टेशन पर हमले में 17 लोग मारे गए। वहीं फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट ने बताया कि उसी समय एक अलग हमले में गाजा के नुसेरत शरणार्थी शिविर में संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित अल-रज़ी स्कूल को निशाना बनाया गया, जिसमें पाँच लोग मारे गए। सिविल डिफेंस एजेंसी ने कहा है कि तीसरा हमला उत्तरी गाजा में एक गोल चक्कर के पास लोगों की भीड़ पर किया गया। इसमें कई लोगों की मौत हुई है।

अमेरिका ने जंग में बड़ी संख्या में आम लोगों के मारे जाने की निंदा की है। इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गाजा में इजरायली हमलों पर चिंता व्यक्त की थी। एंटनी ब्लिंकन ने दो वरिष्ठ इजरायली अधिकारियों से भी बातचीत कर इस मामले से अवगत कराया था। ब्लिंकन के स्ट्रैटेजिक मिनिस्टर रॉन डर्मर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार त्ज़ाची हनेग्बी से मुलाकात के बाद उनके प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, "हमने जंग में आम लोगों के हताहत होने की संख्या देखी है। इसमें कमी आ रही है लेकिन वे अभी भी बहुत ज्यादा हैं,"

अमेरिका इजरायल-हमास जंग को रोकने की कर रहा है कोशिश
हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि हमास इजरायली "नरसंहार" के विरोध में शांति समझौते से बाहर हो रहा है। हमास ने गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान का हवाला दिया जिसमें कहा गया कि उस दिन कम से कम 92 लोग मारे गए थे। उन्होंने कहा कि हमास बातचीत में शामिल होने के लिए तैयार है लेकिन यह तभी संभव होगा जब इजरायल युद्धविराम समझौते और कैदियों को रिहा करने के मामले में गंभीरता दिखायेगा। वहीं मंगलवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास पर दबाव बढ़ाने की कसम खाई है। उन्होंने कहा, "यह दबाव को और बढ़ाने, सभी बंधकों को घर वापस लाने और जंग के लक्ष्यों को पूरा करने का समय है।"

इजरायल की सेना पर कैदियों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप
इजरायल की सेना ने कहा है कि उन्होंने गाजा में लगभग 40 आतंकी ठिकानों पर हमला किया है जिसमें "स्नाइपिंग पोस्ट, हमास के सैन्य ठिकाने, आतंकी ठिकाने और विस्फोटकों से भरी बिल्डिंग्स शामिल हैं। उन्होंने कहा है कि सैनिक राफा और गाजा में छापेमारी कर रहे हैं। यूनाइटेड नेशन ह्यूमैनिटेरियन ऑफिस OCHA ने कहा है कि मंगलवार को गाजा में कई हमलों में दर्जनों लोग मारे गए और कई लोग घायल हुए हैं। इस जंग की की शुरुआत 7 अक्टूबर हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले से हुई थी। AFP के मुताबिक इस हमले में 1,195 लोग मारे गए थे।  हमास ने लगभग 250 लोगों को भी कैद भी कर लिया था जिनमें से 116 अभी भी गाजा में हैं। वहीं गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इजरायल के सैन्य हमले में जिसमें कम से कम 38,713 लोग मारे गए जिनमें से अधिकतर आम लोग थे। इजरायल की सेना ने गाजा के कई लोगों को कैद में रखा है। उन पर हिरासत में शोषण, बलात्कार और अन्य दुर्व्यवहारों के आरोप भी लगाए गए हैं, जिन्हें इजरायली अधिकारियों ने नकार दिया है।

गाजा के लोग छोड़ रहे हैं अपना आशियाना
कतर और मिस्र ने अमेरिका के समर्थन से इस जंग को खत्म करने के लिए बातचीत की है लेकिन महीनों से चल रहे इस समझौते पर कोई सफलता नहीं मिली है। मई के अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने युद्ध विराम की रूपरेखा तैयार की थी। इसके बारे में उन्होंने कहा है कि इसे इज़राइल ने तैयार किया है। इज़राइल में आलोचकों ने नेतन्याहू पर युद्ध को लंबा खींचने का आरोप लगाया है। संघर्ष ने गाजा के 2.4 मिलियन लोगों में से 90 प्रतिशत को अपने घरों से भागने पर मजबूर कर दिया है। कई लोगों ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित स्कूलों में शरण ली है, जिनको इजरायल लगातार निशाना बना रह है।

 

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