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जेल से रिहा हुए धनंजय सिंह, अपहरण व रंगदारी मामले में मिली है जमानत

जौनपुर

पूर्वांचल के बाहुबली और पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जेल से रिहाई मिल गई है. इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद वह बरेली की जेल से रिहा हो गए हैं. जेल से निकलने के बाद धनंजय ने कहा कि मुकदमा फर्जी है, वरना जमानत नहीं मिलती. उन्होंने कहा कि वह जौनपुर से पत्नी को चुनाव लड़वाएंगे.

धनंजय सिंह ने जेल से निकलकर मीडिया से बात करते हुए कहा, "फर्जी मुकदमे में सजा हुई थी. 2020 में फर्जी मुकदमा दायर किया गया था मेरे ऊपर. माननीय उच्च न्यायालय ने मुझे जमानत दी है. मेरी पत्नी बहुजन समाज पार्टी से चुनाव जौनपुर सीट पर चुनाव लड़ रही हैं. मैं यहां से सीधा जौनपुर अपने क्षेत्र में जाऊंगा और उनके लिए प्रचार करूंगा."

अपहरण और जबरन वसूली में जेल में बंद थे धनंजय

धनंजय सिंह अपहरण और जबरन वसूली मामले में जेल में बीते छह मार्च से ही जौनपुर की बंद थे, जिसके बाद शनिवार को ही उन्हें जौनपुर से बरेली की सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था. हालांकि इसी दिन उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत भी मिल गई थी. कोर्ट से जमानत मिलने के बाद आज धनंजय सिंह को बरेली सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है. हालांकि कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई है, जिसकी वजह से वह खुद चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

जौनपुर में त्रिकोणीय हुआ मुकाबला

बता दें कि बहुजन समाज पार्टी ने जौनपुर से धनंजय की पत्नी और जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला धनंजय को अपना प्रत्याशी बनाया है. वह अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं. धनंजय ही रिहाई के साथ ही हो सकता है कि श्रीकला आज अपना नामांकन भी दाखिल करें.

बता दें कि बीजेपी ने जौनपुर सीट पर कृपा शंकर सिंह को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से समाजवादी पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है. बीएसपी की ओर से धनंजय की पत्नी को मैदान में उतारने से अब जौनपुर में त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है.

 

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