हरियाणा

वेतन भुगतान को लेकर शिक्षा सदन में दूसरे दिन भी जारी रहा धरना

अम्बाला (मनीष कुमार)
हरियाणा एजुकेशन मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन (हेमसा) के आह्वान पर मास जनवरी व फरवरी 23 के वेतन के भुगतान को लेकर दूसरे दिन भी शिक्षा सदन पर प्रदर्शन जारी रहा। प्रदर्शन की अध्यक्षता ब्लाक प्रधान मनोज घई ने की। प्रदर्शन में डीईओ, डीईईओ, बीइओ अम्बाला शहर व छावनी ब्लाकों के लिपिक वर्ग ने भाग लिया और सरकार से दो महीने के वेतन के जल्द भुगतान की मांग की गई। प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के पूर्व महासचिव सतीश सेठी ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा प्रदेश के कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। जनवरी व फरवरी दो महीने से वेतन न मिलने से कर्मचारी परेशान है। परंतु कंही कोई सुनवाई नही हो रही है। सरकार इसके पीछे जो एचआरएमएस पर डाटा पूरा न होने का कारण बता रही है। असल मे सरकार इसके लिए खुद जिम्मेवार है। यदि समय रहते विभाग में प्रशिक्षित कम्प्यूटर प्रोफेशनल व डाटा एंट्री आॅपरेटर की भर्ती की गई होती तो यह हालात न बनते। परंतु सरकार भर्ती करने की बजाए कर्मचारियों से ही अपना काम छोड़कर डाटा अपलोड करने का कह रही है। सेवा नियमो में किसी कर्मचारी का वेतन रोकना सजा की श्रेणी में आता है। सरकार के इस तुगलकी फरमान से निर्दोष कर्मचारियों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बैंकों से लिए गए लोन की किश्त समय पर जमा न होने के कारण कर्मचारी डिफाल्टर होते जा रहे है। वेतन नही दिया जा रहा ऊपर से गैस सिलेंडर पर पचास रुपए बढ़ोतरी कर जले पर नमक छिड़क दिया गया है। सेठी ने कहा कि असल मे भाजपा शक्तियों के केन्द्रीयकरण की वकालत करती है। इसी के चलते बजट का केंद्रीकरण पहले ही हो चुका है। यह एचआरएमएस ( ह्यूमन रिसोर्सिस मैनेजमेंट सिस्टम) अब उसी नीति को आगे बढ़ा रहा है। प्रदेश सरकार ने बाकायदा अब ह्यूमन रिसोर्सिस के नाम का अलग से विभाग बना दिया है। जिसने अपने पहले ही फैसला में लगभग दो दर्जन विभागों का विलय कर हजारों पोस्टो को खत्म कर दिया है। आने वाले समय मे इसके ओर दुष्परिणाम सामने होंगे। प्रदर्शन में सरपंचों पर पंचकूला में किए गए लाठीचार्ज की भी कड़े शब्दों में निंदा की गई।
प्रदर्शन को हेमसा के पदाधिकारी गायत्री, संजीव कुमार, सुरेंद्र गोयल, भूपेश, सरदार तेजेन्द्र सिंह , अजय बक्शी, पवन आर्य, अजय कुमार, प्रवीण राणा अशोक बक्शी, वीना कुमारी, सुखदा व शबनम ने भी सम्बोधित किया।

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