‘दिव्यांगजन अध्यामिक दृष्टिकोण से सुदृढ़, आत्मीयता का बोध जरूरी’
टीम एक्शन इंडिया/ बिलासपुर/ कश्मीर ठाकुर
उपमंडल घुमारवीं के अंतर्गत आने वाली कोठी पंचायत में चल रहे आशा किरण विकलांग संस्थान की ओर से विश्व दिव्यांगता दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। संस्थान के प्रांगण में आयोजित इस कार्यक्रम में असंगठित कामगार बोर्ड के चेयरमैन एवं कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राजीव राणा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की जबकि एसडीएम घुमारवीं गौरव चैधरी, पूर्व विधायक तिलक राज शर्मा, हिप्र राज्य सहकारी बैंक के निदेशक सुनील शर्मा, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी देव राम भाटिया ने बतौर विशिष्ठ अतिथि शिरकत की। संस्थान की प्रधान बर्फ ी देवी और एमडी योगेंद्र मलिक ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद किया।
इस प्रतियोगिता में संस्था के दिव्यांग बच्चों ने विभिन्न प्रकार की गतिविधि और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस दौरान दिव्यांग बच्चों द्वारा प्रस्तुत की गई लघु नाटिका ने दर्शकों के अंर्तमन पर ऐसी अमिट छाप छोड़ी कि लोगों की आंखे भर आई जबकि इन्हीं बच्चों ने समूह व एकल नृत्य प्रस्तुत कर सभी को भाव विभोर किया। मुख्यातिथि राजीव राणा ने आशा किरण संस्थान की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि इस संस्थान के बच्चों ने जिला व प्रदेश में अपना एक अलग से मुकाम हासिल किया है। राजीव राणा ने कहा कि शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्चे अध्यामिक रूप से इतने सदृढ़ होते है कि केवल उनका मनोबल बढ़ाने और आत्मीयता की आवश्यक्ता है। क्योंकि यही प्रेम भाव से इस प्रकार की संस्थाए आगे आती है, तो दिव्यांगजनों में आत्मीयता का बोध होता है। जिससे उनकी दशा और दिशा में गुणात्मक सुधार होता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू समाज के इस अभिन्न वर्ग के लिए संवेदनशील है तथा उन्होंने अपने कार्यकाल का शुभारंभ सुखाश्रय योजना से ही किया। इससे पता चलता है।
सरकार दिव्यांगजनों को लेकर कितनी संवेदनशील है। मुख्यतिथि ने आशा किरण संस्थान को अपनी ओर से 21 हजार रूपए की अनुदान राशि दी तथा पेश आने वाली समस्याओं के निपटारे का भी आदेश दिया। कुशल मंच संचालन नंद लाल आचार्य ने किया। इस कार्यक्रम में विपन बंसल, सीता राम कौंडल, अमर नाथ मोहिल्ला,राकेश सहोता, विजय वर्धन, ब्रम्हदास,अंजना धीमान, सोहन लाल, कश्मीर सिंह, ज्ञान चंद, अनुराग मोहिल्ला, डा. रविंद्र कुमार, ग्राम पंचायत औहर के उपप्रधान रणजीत बंसल व विपन बंसल मौजूद थे।