धर्म-आस्था

धन और समृद्धि के लिए दिवाली के वास्तु टिप्स

दीपावली त्योहार हर्षोल्लास, मनोरंजन मौज मस्ती तक सीमित न होकर, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी रखता है. पांच दिवसीय त्योहार की तैयारी भी लोग काफी दिन पहले करना शुरू कर देते हैं.  घर की सफाई से लेकर लक्ष्मी पूजन तक, हर तैयारी के पीछे एक गहरा आध्यात्मिक संदेश छिपा होता है. दीपावली की रात हर व्यक्ति के लिए सिद्धिदायक होती है. यह बुद्धि और विवेक के देवता गणपति और सुख समृद्धि की देवी लक्ष्मी के पूजन से जुड़ा हुआ एक पवित्र पर्व है. दीवाली के त्योहार को शुभ बनाने के लिए इस तरह से करें तैयारी और पूजन. जिससे आपको संपूर्ण पूजा का फल प्राप्त हो सके.

अनुपयोगी वस्तुएं फैलाती हैं दरिद्रता

दीपावली के आगमन से कई दिन पहले ही लोग घरों में साफ सफाई करना शुरू देते हैं. धूल मिट्टी हटाने के साथ आपको एक और बात का भी ध्यान रखना है, जो भी पुरानी और अनुपयोगी वस्तु, कबाड़ और टूटी-फूटी चीजें घर पर हैं, उन्हें भी घर से हटा देना है क्योंकि यह वस्तुएं घर से सकारात्मक ऊर्जा के संचार को कम करके नकारात्मकता को बढ़ाती है.अनुपयोगी वस्तु के इकट्ठा होने से घर में दरिद्रता बढ़ती है.

नकारात्मकता को अलविदा कहें

दीपावली केवल दीप जलाने का पर्व नहीं है, बल्कि यह जीवन के अंधकार से बाहर निकलकर नए उजाले की ओर कदम बढ़ाने का संकेत देता है. इस त्योहार के जरिए हम नकारात्मकता को अलविदा कहते हैं और नए संकल्पों, विचारों और योजनाओं के साथ आगे बढ़ते हैं. यह दिन हमें याद दिलाता है कि हर अंत एक नई शुरुआत का अवसर होता है.

निशीथ काल में करें लक्ष्मी पूजन

दीपावली की रात को ‘अमावस्या’ की रात कहा जाता है, जो पूर्ण अंधकार से भरी होती है. यह समय विशेष रूप से शुभ माना जाता है और इसी काल में पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व है, क्योंकि यह देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे उचित समय होता है. मत्स्य पुराण के अनुसार, इस रात को लक्ष्मी जी की आरती ही दीपावली का मुख्य उद्देश्य होता है. महानिशीथ काल में लक्ष्मी जी की उपासना करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में दरिद्रता का  नाश होता है

कमल गट्टे की माला से करें जाप

जो लोग नियमित रूप से माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए जाप नहीं कर पाते हैं, वह दीपावली की रात में एक माला यानी 108 बार माता लक्ष्मी के मंत्र का जाप तो जरूर करें. इससे न  केवल आर्थिक समृद्धि मिलती है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति भी प्राप्त होती है.

माता लक्ष्मी के लिए तैयार करें कमलासन

दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन में लक्ष्मी जी के लिए कमल के फूलों का आसन बनाना चाहिए. माता लक्ष्मी का प्रिय पुष्प कमल है और वह कमलासन पर ही विराजमान है. इसलिए पूजा के दौरान आपको कमल का आसन तैयार करके माता की मूर्ति को उसी आसन पर  स्थापित करना चाहिए.

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