
पौष पुत्रदा एकादशी पर इन चीजों का दान करना पड़ सकता है भारी, घर की सुख-शांति हो सकती है प्रभावित
सनातन धर्म में एकादशी की तिथि बहुत विशेष मानी गई है. ये तिथि जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है. एकादशी पर भगवान विष्णु का विशेष पूजन और व्रत करने का विधान है. हर माह में दो एकादशी व्रत पड़ते हैं. एक कृष्ण और दूसरा व्रत शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ता है. पौष मास की शुक्ल पक्ष में पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत पड़ता है.
इसके नाम से साफ है कि ये व्रत संतान के जीवन में खुशहाली और प्रगति के लिए रखा जाता है. पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. घर में धन और वैभव बना रहता है. हालांकि शास्त्रों के अनुसार, इस शुभ तिथि पर कुछ चीजों का दान करना वर्जित माना गया है. मान्यता है कि पौष पुत्रदा एकादशी पर इन चीजों का दान करने से घर की सुख-शांति चली जाती है.
कल है पौष पुत्रदा एकादशी
द्रिक पंचांग के अनुसार, पौष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत कल 30 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर हो रही है. इस एकादशी तिथि का समापन 31 दिसंबर को सुबह 05 बजे होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी व्रत इस साल 30 दिसंबर यानी कल रखा जाएगा.
पौष पुत्रदा एकादशी पर न करें इन चीजों का दान
पोष पुत्रदा एकादशी पर तेल का दान न करें. इस दिन तेल का दान शुभ नहीं माना गया है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन तेल का दान करने से संतान के जीवन में दुख और आर्थिक समस्याएं बढ़ती हैं.
इस दिन तिल का दान अशुभ माना जाता है. तिल का संबंध पितृ कर्म से बताया जाता है, इसलिए पोष पुत्रदा एकादशी पर तिल का दान करने से व्रत का फल कम हो जाता है.
हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी के दिन चावल का दान या सेवन वर्जित माना गया है. ऐसा करने से व्रत में बाधा आती है.
पौष पुत्रदा एकादशी पर नमक का दान न करें. इस दिन इसका सेवन भी न करें. ऐसा करने से जीवन में अनावश्यक समस्याएं आती हैं.
जूते, बेल्ट या अन्य चमड़े की चीजों का दान इस दिन न करें. ऐसा करने से नकारात्मक उर्जा बढ़ती है.
काले कपड़े या कंबल का दान एकादशी पर न करें.



